काठमांडू. नेपाल में काम करने वाले चीनी और स्थानीय नेपाली लोगों के बीच मंगलवार 31 मार्च को झड़प हो गई. दोनों के बीच झड़प ऐसे समय पर हुई है, जब कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए हिमालयी देश में लॉकडाउन की घोषणा की है. इसके अलावा सरकार ने पड़ोसी देशों के साथ लगने वाली अपनी सीमाओं को सील किया हुआ है.
लामजुंग में जलविद्युत संयंत्र का निर्माण करने वाली एक चीनी कंपनी के मालिकों के साथ नेपाल के मार्यांगडी के स्थानीय लोग भिड़ गए. ग्रामीणों ने लामजुंग जिले के मंगरंगी ग्रामीण नगर पालिका-6 में थुलोबेसी स्थित न्यादी जलविद्युत परियोजना के लिए निर्माण सामग्री ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही का विरोध किया. लोगों ने गो बैक टू चीन के नारे भी लगाए. यह जानकारी एक ऑनलाइन मीडिया पोर्टल खाबारहुब ने दी.
स्थानीय लोगों ने इसलिए विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि वे सभी चीन से वापस लौटे हैं. चीन को कोविड-19 के प्रसार के लिए जिम्मेदार माना जाता है क्योंकि पिछले साल वुहान में इसका पहला मामला सामने आया था. वहां से यह वायरस पूरी दुनिया में फैला और अब तक हजारों लोगों की जान और कई देशों की अर्थव्यस्था को प्रभावित ले चुका है.
गांववालों ने चीनी नागरिकों को अपने गांव में प्रवेश करने से रोक दिया, ताकि अनावश्यक आवाजाही को रोका जा सके. हालांकि, जब जल विद्युत संयंत्र की निर्माण सामग्री में इस्तेमाल किए जा रहे दो ट्रकों ने ब्लॉकेज (रोकने के लिए लगाई गई तारों) को हटाकर गांव में प्रवेश करने की कोशिश की तो गुस्साए युवक बाहर आ गए और विरोध शुरू कर दिया. चीनी नागरिकों ने स्थानीय लोगों को धमकाने के लिए स्वदेशी खंजर खुखरी दिखाई. नेपाली पत्रकार नबीन कुइनकेल ने कहा कि स्थानीय लोगों ने उस समय अपना आपा खो दिया जब निर्माणाधीन जलविद्युत के लिए निर्माण सामग्री लाने के लिए परिवहन ने सड़क किनारे लगाए गए कंटीले तारों को हटा दिया.
स्थानीय नागरिक करण थापा ने कहा कि जब स्थानीय प्रशासन ने देशबंदी के उल्लंघन पर आपत्ति जताई तो चीनी नागरिकों ने हमपर हमला किया. उन्होंने कहा, स्थानीय लोगों ने चीन के लोगों द्वारा सरकारी आदेश का उल्लंघन करने पर विरोध किया. इस बीच पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच बैठक कर समाधान निकालने की कोशिश की.