लखनऊ। केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मंत्री और सभी विधायकों की सैलरी में कटौती करने का फैसला लिया है। बुधवार देर शाम वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई कैबिनेट बैठक में योगी सरकार ने फैसला लिया है कि सभी विधायक और मंत्रियों की सैलरी में भी कटौती की जाएगी। विधायकों को मिलने वाली विधायक निधि एक साल के लिए खत्म कर दी है। कटौती से मिले पैसे को कोविड फंड में डाला जाएगा।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन किया गया है। इस कारण देशभर में आर्थिक गतिविधियां ठप सी हैं। प्रधानमंत्री ने भी आज इशारों-इशारों में ये साफ कर दिया है कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाया गया ऑल इंडिया लॉकडाउन 21 दिन पूरे होने के बाद 14 अप्रैल से आगे बढेगा और 15 अप्रैल को पाबंदियां खत्म नहीं होंगी।
केंद्र सरकार के निर्णय का योगी कर चुके हैं स्वागत
लॉकडाउन के कारण यूपी सरकार पर भी खर्च का भार बढ़ गया है। इसीलिए मुख्यमंत्री ने कोविड फंड भी बनाया है और अतिरिक्त फंड जुटाने के लिए नए रास्ते तलाशे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोदी सरकार द्वारा सांसद निधि कुछ समय के लिए स्थगित करने व वेतन से 30 प्रतिशत साल भर तक काटने के निर्णय का स्वागत किया है। माना जा रहा है कि इसी तरह का निर्णय यहां भी लागू हो सकता है। वैसे इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री को करना है। उन्होंने ही हाल में विधायक निधि से एक करोड़ इस नए फंड में देने की अपील की है।
वेतन पेंशन बढ़ाने का मामला अधर में
कोरोना संकट आने से पहले यूपी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निधि दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ करने का ऐलान किया था। इसके अलावा विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने व पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने के लिए सरकार ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। कोरोना संकट के चलते यह मामला अधर में लटक गया। फंड जुटाने के लिए सरकार तमाम विकल्प तलाश रही है। सूत्र बताते हैं कि सरकार कार्मिकों में उच्च श्रेणी वालों वेतन भत्तों व पेंशन में होने वाले खर्च का हिसाब किताब लगा रही है।