नई दिल्ली। संभवतः हाल में आधार के चलते अस्पतालों में और तमाम अति आवश्यक कामों में आई दिक्कतों और बवालों को देखते ही (यूआईडीएआई) ने एक नई घोषणा कर बड़ी राहत दी है।
क्योंकि आज भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा कि आधार की वजह से किसी भी वास्तविक लाभार्थी को चिकित्सा सुविधा, स्कूल में प्रवेश और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन की आपूर्ति जैसी किसी भी आवश्यक सेवा या लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता। कैबिनेट सचिवालय ने भी पिछले साल 19 दिसंबर को ऐसे ही निर्देश जारी किए थे।
यूआईडीएआई ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया है जिनमें आधार की वजह से अस्पताल या चिकित्सा सहायता जैसी जरूरी सेवाओं से इन्कार कर दिया गया। संबंधित एजेंसियां इन मामलों में इन्कार की वजहों के वास्तविक कारणों की जांच कर रही हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण का कहना है कि आधार का उद्देश्य तकनीक के प्रभावी इस्तेमाल से सार्वजनिक सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। लेकिन सेवाओं से इन्कार के बहाने के तौर पर इसका दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
बयान के मुताबिक, अगर किसी के पास आधार नहीं है या उसके आधार का ऑनलाइन वेरीफिकेशन नहीं हो पा रहा है तो एजेंसी या डिपार्टमेंट को पहचान के वैकल्पिक तरीके का इस्तेमाल करते हुए उस व्यक्ति को सेवा प्रदान करना चाहिए। इसका विवरण अपवाद पंजिका में दर्ज किया जाना चाहिए जिसका उच्चाधिकारी समय-समय पर ऑडिट करें।