हैदराबाद। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने राम मंदिर के मुद्दे पर मौलाना सैयद सलमान हुसैनी नदवी की कोशिशों और बयान से नाराज होकर उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
गौरतलब है कि मौलाना नदवी के राम मंदिर संबंधी बयान और श्री श्री रवि शंकर के साथ बेंगुलुरु में बैठक की वजह से AIMPLB नाराज था। उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए एक 4 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। और AIMPLB ने शुक्रवार को ही हैदराबाद में अपनी बोर्ड मीटिंग में नदवी के फॉमूले को सिरे से खारिज कर दिया था।
AIMPLB के सदस्य कासिम इलयास ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘AIMPLB अपने पुराने रुख पर कायम रहेगा कि मस्जिद को न तो गिफ्ट किया जा सकता है, न बेचा जा सकता है और न शिफ्ट किया जा सकता है। क्योंकि सलमान नदवी इस एकमत रुख के खिलाफ गए, इसलिए उनको बोर्ड से निकाला जाता है।’
गौरतलब है मौलाना नदवी ने विवादित स्थल पर मंदिर और किसी और जगह मस्जिद बनाने को लेकर 3 सुझाव दिए थे, जिन्हें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और बाबरी मस्जिद से जुड़े दूसरे पक्षकारों ने खारिज कर दिया।
उधर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की हैदराबाद में शुक्रवार को तीन दिवसीय बोर्ड मीटिंग शुरू हुई। मीटिंग में मौलाना नदवी की आलोचना की गई। वहीं मौलाना नदवी ने आरोप लगाया कि बोर्ड मीटिंग में उनको अपमानित किया गया।
उनका कहना है कि कमाल फारूकी और एस. क्यू. आर. इलयास ने उनको अपमानित किया। मौलाना नदवी का कहना है कि वह शांति और सांप्रदायिक सौहार्द्र चाहते हैं, लेकिन कुछ लोग AIMPLB में तानाशाही चला रहे है।
अयोध्या विवाद को लेकर बेंगलुरु में श्री श्री रविशंकर, मौलाना नदवी और हिंदू-मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों के बीच बातचीत से 3 सुझाव बताए गये हैं, जिसमें विवादित जगह पर मंदिर निर्माण के साथ मस्जिद के लिए दूसरी जगह की बात कही गई है।