लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार अपने सभी सरकारी कर्मचारियों के 6 भत्तों को हमेशा के लिए खत्म करने पर विचार कर रही है. वित्त विभाग की ओर से जल्दी ही इस संबंध में आदेश जारी किया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य के कर्मचारियों को लेकर बड़ा फैसला लाने की तैयारी में है. सरकार सूबे के सभी सरकारी कर्मचारियों के 6 भत्तों को हमेशा के लिए खत्म करने पर विचार कर रही है. वित्त विभाग की ओर से जल्दी ही इस संबंध में आदेश जारी किया जा सकता है. इससे पहले सरकार ने 24 अप्रैल को जारी आदेश में डीए के अलावा 6 अन्य भत्तों को 31 मार्च, 2021 तक के लिए स्थगित करने का ऐलान किया था. योगी सरकार का कहना है कि राजस्व में कमी के चलते वह यह कठिन फैसला ले रही है. सरकार के इस फैसले को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारियों में असंतोष भी देखने को मिल सकता है.
सरकार ने जिन भत्तों को स्थगित करने का फैसला लिया है, उनमें नगर प्रतिकर भत्ता, सचिवालय भत्ता, विजिलेंस एवं अन्य जांच विभागों के अधिकारियों को मिलने वाला विशेष वेतन भत्ता, अवर अभियंता को मिलने वाला विशेष भत्ता, पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को मिलने वाला रिसर्च भत्ता, अर्दली भत्ता और डिजाइन भत्ता शामिल हैं. इसके अलावा सिंचाई विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाला आईऐंडपी भत्ता और अर्दली भत्ता भी शामिल हैं.
वित्त मंत्री बोले, खजाने में है कमी
इन खबरों के संबंध में पूछे जाने पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हम उन्हीं भत्तों को समाप्त करने जा रहे हैं, जिन्हें खत्म करने की सिफारिशें छठे वेतन आयोग में की गई थीं. इन भत्तों को केंद्र सरकार ने भी समाप्त किया है. राज्य कर्मचारियों को वेतन, डीए और एचआरए मिलता रहेगा. प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां सुस्त हैं. उन्होंने कहा कि तमाम दुश्वारियों के बाद भी कर्मचारियों को उनका वेतन समय से दिया जा रहा है और आगे भी दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अप्रैल के महीने में बीते साल 12,141 करोड़ राजस्व के मुकाबले महज 1,178 करोड़ राजस्व खजाने में आया.