नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्तार से ब्यौरा देने के साथ ही लॉकडाउन के कारण बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए अलग-अलग वर्गों के लिए राहत फंड जारी करने की घोषणा की। खासकर उन्होंने एमएसएमई पर फोकस किया। जानिए पहले दिन की घोषणा की पांच बड़ी बातें…
जिसके तहत वित्त मंत्री ने करदाताओं को राहत देते हुए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख को बढ़ा दिया, साथ ही टीडीएस की दरों में कटौती का भी एलान किया। निर्मला सीतारमण ने कहा विवाद से विश्वास स्कीम के तहत जिन कंपनियों के टैक्स विवाद बाकी हैं, वह अब 31 दिसंबर 2020 तक बिना किसी ब्याज के टैक्स दे सकती हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की परिभाषा को उन्हीं की बेहतरी के लिए बदला जा रहा है। सरकार अब एमएसएमई में निवेश की सीमा और कारोबार को बढ़ाएगी, बढ़ा निवेश या कारोबार उन्हें एमएसएमई के वर्ग से बाहर नहीं निकालेगा। नई परिभाषा के अनुसार वर्गीकरण भी किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में बिजली वितरण कंपनियों की चुनौतियों और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं को मजबूती देने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कंपनियों को तुरंत नकदी उपलब्ध कराई जाएगी। विद्युत वितरण कंपनियों (DISCOMs) के राजस्व में गिरावट आई है और मांग में कमी से अप्रत्याशित नकदी प्रवाह समस्या पैदा है गई है। पढ़ें पूरी खबर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईपीएफ को लेकर भी महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। उन्होंने कहा कि ईपीएफ में 2500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। ईपीएफ में सरकारी मदद से इसका 3.67 लाख कंपनियों और 72.22 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। 15 हजार रुपये से कम वेतन वालों का ईपीएफ अगस्त तक केंद्र देगा। पढ़ें पूरी खबर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस में विस्तार से जानकारी देते हुए लघु एवं कुटीर उद्योगों (एमएसएमई) को लेकर राहत भरी घोषणाएं कीं। साथ ही कर्मचारियों के ईपीएफ योगदान और टीडीएस में भी बड़ी राहत का एलान किया।