भोपाल. देश में लॉकडाउन 4.0 से पहले प्रदेश की शिवराज सरकार ने प्रवासी मजदूरों के हित में बड़ा ऐलान किया है. सरकार ने फैसला किया है कि राज्य से गुजरने वाले प्रवासी मजदूरों की मदद करेगी. जिसके तहत राज्य से गुजरने के दौरान यदि प्रवासी मजदूर की किसी कारण से मौत हो जाती है तो सरकार की ओर से मजदूर के परिजनों को एक लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. इसके अलावा हादसे में घायल होने पर मजदूर को 25 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा है कि विभिन्न प्रदेशों से मध्यप्रदेश लौटने वाले प्रवासी मजदूरों की सीमा पर हेल्थ स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से की जाए. साथ ही अन्य प्रदेशों के मध्यप्रदेश में फंसे हुए मजदूरों को सीमा तक छोडऩे के लिये वाहनों की व्यवस्था सुचारु रहे. आने एवं जाने वाले सभी मजदूरों के लिये भोजन, चाय-नाश्ते आदि की व्यवस्थाएं कलेक्टर्स अपने-अपने जिलों में सुनिश्चित करें, जो मजदूर ट्रक आदि वाहनों में ओवरलोड होकर जाते दिखें, उन्हें उतार कर पृथक वाहन से भिजवाने की व्यवस्था की जाए.
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अभी तक 3 लाख 84 हजार प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों से वापस आ गए हैं. इनको लेकर 85 ट्रेनें आ गई हैं तथा 8 ट्रेनें आज आने वाली हैं. आज चैन्नई से ट्रेन मध्यप्रदेश के लिए रवाना होगी. लगभग एक लाख मध्यप्रदेश के मजदूर अभी अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं, जिन्हें ट्रेन एवं बस से लाने की व्यवस्था की जा रही है.
वहीं सीएम शिवराज ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर आने-जाने की अनुमति संबंधित 3 लाख 4 हजार 544 ई-पास अभी तक जारी किये गए हैं. अब ई-पास के लिए आने वाले कॉल्स की संख्या अत्यंत कम हो गई है. मुख्य सचिव बैंस ने निर्देश दिए कि जिन व्यक्तियों को ई-पास जारी किए गए हैं, उन्हें फोन कर उनके स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी ली जाए.