श्रीनगर. कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से पूरा देश लॉक डाउन के दौर से गुजर रहा है. यही नहीं, सभी मंदिरों, गुरुद्वारों, चर्चों और मस्जिदों को बंद कर दिया गया है.
इस महामारी के प्रकोप का असर इस बार की श्री अमरनाथ की वार्षिक यात्रा की समयावधि पर भी पड़ा है. लिहाजा, श्रद्धालुओं की संख्या और यात्रा के दिनों में कटौती करने की तैयारी है. सूत्रों के अनुसार, इसे 15 दिन के लिए सीमित किया जा सकता है. हालांकि, अंतिम फैसला श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक में होगा, जो अगले सप्ताह प्रस्तावित है.
गौरतलब है कि बाबा बर्फानी की वार्षिक यात्रा 23 जून से शुरू होनी प्रस्तावित है और यह तीन अगस्त को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होनी थी. कोरोना संक्रमण के कारण एक अप्रैल से प्रस्तावित एडवांस पंजीकरण अभी आरंभ नहीं हो पाया और इसे तीन बार टाला जा चुका है. श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पंजीकरण के अलावा यात्रा मार्ग की सफाई का काम भी शुरू नहीं हो पाया.
ऐसे में यात्रा 23 जून से आरंभ करना संभव नहीं दिखता. इसे देखते हुए यात्रा की अवधि में कटौती की जा सकती है. श्राइन बोर्ड जुलाई माह के दूसरे पखवाड़े से यात्रा आरंभ करने पर विचार किया जा रहा है और जब यात्रा का समय ही कम होगा, तो श्रद्धालुओं की संख्या भी सीमित रहेगी. सिर्फ बालटाल रास्ते से ही गुफा तक जाने की अनुमति दी जा सकती है.
सिर्फ छड़ी मुबारक को ही पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा करते हुए पहलगाम के रास्ते पवित्र गुफा तक जाने की अनुमति होगी. अगर यात्रा मार्ग में कोई बाधा आती है, तो भगवान शंकर की छड़ी मुबारक को दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरी के नेतृत्व में हेलीकॉप्टर के जरिए पवित्र गुफा तक पहुंचाया जाएगा. बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा समुद्रतल से करीब 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इसमें भगवान भोलेनाथ बर्फ के शिवलिंग के तौर पर प्रकट होते हैं. प्रतिवर्ष जून माह से आरंभ होने वाली यह यात्रा श्रावण मास की पूर्णिमा पर समाप्त होती है.