नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बेंगलुरु की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस में आयोजित सिल्वर जुबली कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद आज सबसे बड़ा संकट आया है. जैसे विश्व युद्ध के बाद दुनिया बदल गई वैसे ही कोरोना के बाद दुनिया पूरी तरह से बदल जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को बिना वर्दी का सैनिक बताया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि कोरोना के खिलाफ जंग में भारत जरूर जीतेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 वायरस अदृश्य दुश्मन है लेकिन हमारे अपराजेय मेडिकल वर्कर उसे मात देंगे. उन्होंने कहा कि पहले वैश्विकरण को लेकर आर्थिक मसले पर चर्चा होती थी, लेकिन अब मानवता के आधार पर चर्चा करना जरूरी होगा. स्वास्थ्य के मामले में भारत ने पिछले 6 साल में बड़े फैसले लिए हैं, हम चार पिलर पर काम कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले कि आज स्वास्थ्यकर्मी एक सैनिक की तरह काम कर रहे हैं और देश के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. कोरोना वायरस नहीं दिखता है, लेकिन कोरोना वॉरियर्स की मेहनत आज दिख रही है. दुनियाभर की निगाहें आज भारत के डॉक्टरों पर टिकी हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस भले ही इनविजिबल है, लेकिन कोरोना वॉरियर्स इनविंसिबल हैं. डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी बिना वर्दी वाले सैनिक हैं. लिहाजा हमें मानवता से जुड़े विकास की ओर देखना होगा.
उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्यकमिज़्यों के साथ हो रही हिंसक घटनाएं बदाज़्श्त नहीं की जाएंगी, जो भी ऐसा करेगा उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. इसके अलावा सरकार की ओर से स्वास्थ्यकमिज़्यों के लिए इंश्योरेंस की सुविधा दी गई है
मेक इन इंडिया के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में पीपीई किट, एन-95 मास्क बन चुके हैं और सब मेड इन इंडिया हैं. देश में आरोग्य सेतु ऐप बनाया गया है और अब तक 12 करोड़ लोग इसे डाउनलोड कर चुके हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 22 एम्स और खुल चुके हैं और भारत इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में देश में एमबीबीएस की 30 हजार सीटें बढ़ गई हैं और पोस्ट ग्रेजुएशन की सीटों में 15 हजार की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि मिशन इंद्रधनुष, आयुष्मान भारत समेत कई अहम योजनाओं ने देश के स्वास्थ्य सिस्टम में एक नई जान फूंकी है.