वारसॉ. पोलैंड ने मई के आखिर में मई चेक गणराज्य पर हमला कर दिया था और अपने पड़ोसी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था. पॉलिश सेना ने एक बयान में ये स्वीकार किया है. पोलैंड सरकार ने इसे गलती करार दिया है.
चेक गणराज्य ने भी इस बात की पुष्टि की है. चेक गणराज्य के विदेश मंत्रालय ने बताया कि पॉलिश सैनिकों ने पिछले महीने गलती से उनके देश की सीमा पार कर ली थी और कुछ हिस्सों में कब्जा जमा लिया था.
कोरोना वायरस महामारी के बीच बंद पड़े पॉलिश-चेक बॉर्डर के कुछ हिस्सों में गश्त करने वाले सैनिकों से चेक चर्चगोअर्स ने पूछताछ की थी, जो क्षेत्र पार करके आ गए थे. रिपोर्ट के अनुसार उन्हें वापस लौटने के लिए भी कहा गया था. हालांकि चेक गणराज्य के विदेश मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि इस मामले में पोलैंड अभी आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी करने वाला है.
रिपोटज़् के मुताबिक, यह घटना दक्षिणी पोलैंड के एक छोटे से गांव पिलग्रिज्मो के पास हुई, जो चेक देहात के एक घनी आबादी वाले इलाके में स्थित है. क्षेत्र में एक सड़क दो यूरोपीय देशों के बीच बॉर्डर पॉइंट के तौर पर है. यानी इस सड़क के इस पार चेक गणराज्य पड़ता है और दूसरी ओर पोलैंड.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सीएनएन को बताया कि उनके पोलिश समकक्षों ने अनौपचारिक चैनलों के माध्यम से पुष्टि की थी कि यह घटना सिर्फ गलतफहमी से हुई थी. इसे किसी राजनीतिक या सैन्य इरादे से नहीं किया अंजाम दिया गया था.
पोलैंड के विदेश मंत्रालय ने भी इस कथित गलती को स्वीकार किया है. मंत्रालय ने कहा कि इसे तुरंत ही सुधार लिया गया और सैनिक अपनी सीमा पर वापस लौट आए. मंत्रालय की ओर से आज इसपर आधिकारिक बयान भी जारी किया जा सकता है.