नई दिल्ली. दुनिया अभी कोरोना से जंग लड़ ही रही है. इस वायरस ने दुनिया को कब्र के ढेर में बदल दिया है. सबसे मुश्किल की बात तो ये है कि वायरस का कोई इलाज अभी तक नहीं मिला है. कई देशों ने दावा किया है कि उन्होंने कोरोना की दवा बना ली है लकिन अभी तक निश्चित तौर पर किसी देश ने इसकी घोषणा नहीं की है. इस बीच अब नासा ने ऐलान किया है कि वो मंगल ग्रह से सैम्पल्स पृथ्वी पर लाने वाला है. इस सैंपल में खतरनाक पैथागोंस हो सकते हैं. इन पैथागोंस से पृथ्वी पर खतरनाक महामारी फैलने के पूरे चांसेस हैं. इस इंटरव्यू के बाद पुरे दुनिया में हड़कंप मच गया है.
यूनिवर्सिटी ऑफ़ बकिंघम के डॉ बैरी डीग्रेगोरिओ ने नासा से रिक्वेस्ट की है कि वो मंगल के इस सैंपल की जांच चाँद पर कर ले. क्यूंकि अगर पैथागोंस पृथ्वी पर आए, तो उस महामारी का असर रोक पाना नामुमकिन होगा. उन्होंने कहा कि अगर सैंपल को पृथ्वी पर लाया गया तो चाहे जितनी सुरक्षा की जाए, अगर गलती से उसका एक कण भी फैला तो वो वायरस इतनी तेजी से फैलेगा जिसे रोक पाना मुश्किल नहीं नामुमकिन होगा.
डॉ बैरी डीग्रेगोरिओ ने आगे कहा कि वो महामारी कोरोना को बौना बना देगी. ये तो उसके आगे कुछ भी नहीं है. मंगल ग्रह से जो तबाही नासा पृथ्वी पर आने वाली है वो इससे लाख गुना ज्यादा खतरनाक है. लेकिन अमेरिकी एजेंसी ने डॉ के इस सुझाव को दरकिनार कर दिया है. नासा ने साफ़ ऐलान कर दिया है कि मंगल का सैंपल पृथ्वी पर ही आएगा. नासा ने बताया कि उनके अपने सेफ्टी नॉर्म्स हैं. उनके तहत हर सावधानी बरती जाएगी.
अगर किस्मत खराब रहेगी, तब ही सैंपल से तबाही मचने के आसार हैं. नासा का कहना है कि वो उन सैंपल्स की जांच स्टेट ऑफ़ द आर्ट लैबोरेटरीज में करेंगे. जहां सभी तरह के इक्विपमेंट्स और सेफ्टी मेजर्स का पालन किया जाएगा. 2030 में इंसान को मार्स पर यानी मंगल ग्रह पर भेजा जाएगा. जहां से साइंटिस्ट सैंपल इक्कठा कर ले आएंगे. डॉ बैरी डीग्रेगोरिओ की मानें तो उनका कहना है कि नासा लोगों से काफी कुछ छिपाता है. उन्हें ऐसा लगता है कि मार्स पर जीवन का पता काफी पहले चल चुका है. लेकिन नासा ने इसका खुलासा नहीं किया है.