अमेरिका की प्रसिद्ध मैगजीन ‘टाउन एंड कंट्री’ ने कोरोना वायरस महामारी के दौर में सराहनीय कार्य करने पर श्रीमती नीता अंबानी और रिलायंस फाउंडेशन को शीर्ष 20 परोपकारियों में स्थान दिया है.
इस सूची में नीता अंबानी अकेली भारतीय हैं. इस सूची में टिम कुक, ओपरा विनफ्रे, लॉरेन पॉवेल जॉब्स, माइकल ब्लूमबर्ग, लियोनार्डो डी कैप्रियो जैसे अपने क्षेत्रों के दिग्गज शामिल हैं.
‘टाउन एंड कंट्री’ मैगजीन ने अपने ग्रीष्म के विशेषांक में रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी के कार्यों को रेखांकित करते हुए लिखा है कि कोरोनावायरस की महामारी में विपरीत परिस्थितयों के बीच रिलायंस फाउंडेशन लोगों का जीवन बचाने के साथ ही गरीबों को खाना खिलाने और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए सरहानीय कार्य कर रहा है.
मैगजीन ने लिखा है कि रिलायंस फाउंडेशन ने लोगों को आर्थिक सहायता के साथ ही देश के पहले कोविड-19 अस्पताल बनाने की भी पहल की. ‘टाउन एंड कंट्री’ ने यह भी लिखा कि मानवीय संकट की इस घड़ी में नीता अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस फाउंडेशन ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर दो सप्ताह से भी कम समय में 100 बिस्तरों वाले कोविड-19 अस्पताल बनाने का काम किया. फाउंडेशन की सहायता से इसका विस्तार करते हुए इससे 220 बिस्तरों तक बढ़ाया गया.
महामारी में आजीविका गंवा चुके लोगों के भोजन के लिए पूरे देश में अन्ना नामक सेवा शुरू की, जिसमें 20 मिलियन लोगों को भोजन करवाया गया. यह दुनिया का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट भोजन कार्यक्रम बन गया.
इसके अलावा लोगों को ऑनलाइन चिकित्सा सुविधा, कोरोना मरीजों के लिए होम क्वारंटाइन सुविधा, गांव के लोगों की सहायता जैसे कार्य भी फाउंडेशन द्वारा किए गए. देशभर में पालतू और आवारा पशुओं को चिकित्सा भी उपलब्ध करवाई गई.
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी के लिए बने इमरजेंसी फंड में 72 मिलियन अमेरिकी डॉलर का दान भी फाउंडेशन द्वारा किया गया. इसके अतिरिक्त रिलायंस इंडस्ट्री द्वारा मास्क और पीपीई किट इकाई की शुरुआत भी की गई. इसने भारत में वस्तुओं के निर्माण और आत्मनिर्भरता हासिल करने में देश में बड़ा योगदान दिया.
1846 से लगातार प्रकाशित हो रही ‘टाउन एंड कंट्री’ अमेरिकन लाइफ और लोगों में लोकप्रिय मैगजीन है. मैगजीन हर वर्ष अपना एक अंक उन लोगों को समर्पित करती है, जो अपने सेवा कार्यों से समाज, देश और दुनिया को प्रभावित करते हैं.
रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन ने कहा कि संकट के इस दौर में राहत संसाधनों पर ध्यान देने की आवश्यकता है. हमें खुशी है कि हमारी पहल को सराहा गया है. जब भी देश और समाज के लिए जरूरत होगी, हम हमेशा सेवा कार्यों के लिए तत्पर और प्रतिबद्ध हैं.