नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में जारी विवाद पर रूस का बयान आया है. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि रूस को नहीं लगता कि भारत और चीन को सीमा विवाद सुलझाने के लिए किसी तीसरे देश की मदद की जरूरत है.
इसके साथ ही रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का जोरदार तरीके से समर्थन किया है. रूस के विदेश मंत्री ने कहा कि आज हम संयुक्त राष्ट्र में सुधार की समस्या पर बात करते हैं और भारत से बेहतर स्थाई सदस्यता के लिए कोई अन्य नॉमिनी नहीं है. हम भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करते हैं.
सर्गेई लावरोव ने कहा, मुझे नहीं लगता कि भारत और चीन को बाहर से कोई मदद चाहिए. मुझे नहीं लगता कि उन्हें मदद करने की आवश्यकता है, खासकर जब यह दो देश का मुद्दा हो. वे उन्हें अपने दम पर हल कर सकते हैं. इसका मतलब है हाल की घटनाओं को वह खुद हल कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा, हम आशा करते हैं कि दोनों देशों में स्थिति शांतिपूर्ण बनी रहेगी और वे विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे.
दरअसल, आज भारत-चीन-रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. इस दौरान एस जयशंकर ने कहा कि विश्व के नेतृत्व की आवाज सबके हित में उठनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इन आवाजों को सबके लिए उदाहरण पेश करना होगा.
एस जयशंकर ने कहा, यह विशेष बैठक अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के टाइम टेस्टेड प्रिंसिपल में हमारे विश्वास को दोहराती है, लेकिन आज की चुनौती अवधारणाओं और मानदंडों की नहीं, बल्कि इसके समान रूप से अभ्यास की है. बता दें कि 15 जून को एलएसी पर चीनी सैनिकों ने धोखे से भारतीय जवानों पर हमला कर दिया था. इसमें 20 जवान शहीद हुए थे.