- मौलाना सलमान नदवी पर पैसे और जमीन मांगने का आरोप
- हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच टकराव पैदा करना चाहते हैं
- राज्यसभा सदस्य बनाए जाने की डिमांड
लखनऊ। देश के सबसे अहम और संवेदनशील अयोध्या मुद्दे पर हाल के कुछ दिनों से जारी कवायदों में पहला जबर्दस्त मोड़ तब आया जब “AIMPLB” ने सलमान नदवी को बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखाया था। हालांकि तब नदवी को बहुसंख्यकों की खासी सहानुभूति हासिल हुई थी। उससे भी जोरदार क्लाइमैक्स तो अब सामने आया जब अयोध्या सद्भावना समन्वय महासमिति के प्रेसिडेंट अमरनाथ मिश्रा द्वारा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पूर्व एक्सिक्यूटिव मेंबर मौलाना सलमान नदवी पर पैसे और जमीन मांगने का आरोप लगाया है।
इस मामले में अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि 5 फरवरी को वह मौलाना से बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि के मुद्दे को लेकर मिले थे, जिसके बाद ही मौलाना ने अपनी डिमांड उनके सामने रखी। उन्होंने मौलाना सलमान नदवी पर आरोप लगाया है कि अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिये पैसे, जमीन और पद की डिमांड नदवी ने की है। अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि उन्हें नदवी ने लिखित रूप से यह प्रपोजल देने की बात कही थी, जिसके बाद उन्होंने ऐसा ही किया, इस पेपर को सभी को फॉरवर्ड भी किया गया। आरोप है कि इसी दौरान नदवी ने अयोध्या में मक्का मस्जिद बनाए जाने के लिए 1000 करोड़ रुपए, 200 एकड़ जमीन और राज्यसभा सदस्य बनाए जाने की डिमांड की।
हालांकि इसके विपरीत नदवी ने कहा कि वह अमरनाथ मिश्रा को नहीं जानते हैं. मौलाना नदवी ने अमरनाथ मिश्रा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच टकराव पैदा करना चाहते हैं। अमरनाथ भगवान के मंदिर और अल्लाह के मस्जिद निर्माण को लेकर सिर्फ अड़चनें खड़ी कर रहे हैं. नदवी ने कहा कि मैं वहीं हूं जिसने राम मंदिर के निर्माण को लेकर हामी भरी थी, जिसके लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने निष्कासित कर दिया था।
अयोध्या व बाबरी मामले को लेकर 9 फरवरी को नदवी आर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर श्रीश्री रविशंकर से भी मिल चुके हैं. जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं काफी गर्म रही, जिसके बाद से ही नदवी ने दोनों धर्मों के लोगों के दिलों में जगह बनाने की बात करते हुए यह फैसला लिया था।