पेइचिंग. चीन ने सोमवार 6 जुलाई को स्वीकार किया है कि भारत के साथ लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव घटाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत हुई है और तनाव को घटाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं. चीन का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पेइचिंग ने भारत के चौतरफा दबाव के आगे झुकते हुए गलवान घाटी में संघर्ष वाली जगह से 1.5 किलोमीटर अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है.
सूत्रों के मुताबिक सीमा बातचीत को लेकर भारत के विशेष प्रतिनिधि और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और उनके चीनी समकक्ष (विदेश मंत्री) वांग यी के बीच वार्तालाप के बाद दोनों देशों के सैनिक पीछे हटने पर सहमत हुए हैं. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों के बीच तनाव को घटाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं.
चीन ने गलवान में 1.5 किमी पीछे किए सैनिक
इससे पहले लद्दाख में भारत की सख्ती और जोरदार जवाबी कार्रवाई के बाद चीन के आक्रामक रुख में अब नरमी आई. जानकार सेना को पीछे हटाने को तनाव घटाने की तरफ पहला कदम मान रहे हैं. बता दें कि 15 जून की रात दोनों देशों के जवानों के बीच खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के 40 जवान मारे गए थे. लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिक डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत करीब 1.5 किमी पीछे हट गए हैं. सेना सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने अपने कैंप भी पीछे हटाए हैं. हालांकि इस पर अभी सेना का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
अभी फिजिकल वेरिफिकेशन पूरा नहीं
खबरों के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों की सेना ने रिलोकेशन पर सहमति जताई थी. बताया जा रहा है कि गलवान घाटी को अब बफर जोन बना दिया गया है ताकि आगे फिर से कोई हिंसक घटना न हो. सूत्रों के मुताबिक अभी वेरिफिकेशन की प्रकिया पूरी नहीं हुई है. एक सीनियर अधिकारी ने इसकी पुष्टि की कि सैनिक पीछे हटे हैं लेकिन कहा कि कितना पीछे हटे हैं यह वेरिफिकेशन के बाद कंफर्म हो पाएगा.
30 जून को कोर कमाडंर स्तर की मीटिंग में वेरिफेकेशन की प्रक्रिया भी तय की गई थी. जिसमें तय किया गया था कि एक कदम उठाने के बाद प्रूफ देखकर ही दूसरा कदम बढ़ाया जाएगा. वेरिफिकेशन में तीन दिन का समय लग सकता है. एक अधिकारी ने कहा कि जैसे चीन ने एक टैंट हटाया तो तीन दिन के अंदर यूएवी से उसकी फोटो ली जाएगी और फिर पेट्रोलिंग पार्टी जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन भी करेगी. जब वेरिफिकेशन हो जाएगा, उसके बाद दूसरा कदम उठाया जाएगा.