नई दिल्ली. भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच चीन के इशारों पर चल रहा नेपाल भारत को परेशान करने के लिए रोज एक ना एक नई तरकीब जरूर निकाल ले रहा है. ताजा अपडेट उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से सामने आई है. जहां स्थित हजारा इलाके में नो मैन्स लैंड (विवादित क्षेत्र) पर नेपाल द्वारा सड़क बनाने की तैयारियां काहल रही थीं. इस बारे में जानकारी मिलने के बाद भारतीय प्रशासन ने वहां काम रुकवा दिया है. पीलीभीत डीएम वैभव श्रीवास्तव ने कहा, नेपाल से आश्वासन मिला है कि वहां कोई निर्माण नहीं होगा. बकौल श्रीवास्तव, दोनों देशों की सर्वे टीम द्वारा चिन्हित बॉर्डर पिलर जल्द बनाए जाएंगे.
बताया जाता है कि भारतीय क्षेत्र के गांव टाटरगंज और टिल्ला नंबर 4 के बीच में नेपाल का पचवी गांव है. उस गांव के लोग काफी समय से भारतीय क्षेत्र को नेपाल का बता रहे हैं. जिस पर पूर्व में विवाद भी हो चुका है. पिछले वर्ष नो मैन्स लैंड एरिया की नेपाल का बता कर ग्रामीणों ने सड़क निर्माण शुरु कर दिया था.
तब भी दोनों देशों के अधिकारियों में वार्ता हुई और नो मैन्स लैंड में निर्माण नहीं किए जाने पर सहमति बनी थी. बीते दो दिन से वहीं निर्माण दोबारा शुरू करने की तैयारी होने लगी. इसके बाद रविवार को जिला प्रशासन को सूचना मिली कि इंडो-नेपाल बॉर्डर पर पिलर संख्या 38 के नज़दीक नो मैन्स लैंड पर नेपाल की तरफ से सड़क का निर्माण कराया जा रहा है.
जानकारी मिलते ही डीएम वैभव श्रीवास्तव, एसपी जयप्रकाश, डीआईजी एचएनएस बिष्ट, एसएसबी जवानों के साथ इंडो-नेपाल बॉर्डर पर शारदा नदी पार करके पहुंचे. यहां पर नेपाल के अफसरों से भी चर्चा हुई. इसमें नेपाल की ओर से कराए जा रहे निर्माण कार्य को फिलहाल रुकवा दिया गया है. डीएम ने आगे बताया कि इस सिलसिले में नेपाल के कंचनपुर के मुख्य विकास अधिकारी से बात की गई है. बार्डर पर एसएसबी के जवान पूरी तरह से मुस्तैद है.