नई दिल्ली. काम की तलाश में दूसरे राज्यों में गए श्रमिक तालाबंदी के दौरान अपने गांवों और घरों को लौट गए हैं. यह सब कोरोना वायरस के कारण होता था. गौरतलब है कि देश में अचानक तालाबंदी हुई थी. 2 महीने के बंद के कारण लगभग सभी दुकानें, उद्योग और कंपनियां बंद रहीं.
जिसके कारण बड़ी संख्या में मजदूर और कम वेतन पाने वाले लोग निराश्रित और बेरोजगार हो गए.
लॉकडाउन के समय लाखों लोग हजारों किलोमीटर पैदल चले. अब अनलॉक शुरू हो गया है, कंपनियां खुल गई हैं और अब वे श्रमिकों को वापस बुला रहे हैं, लेकिन वे वापस आने में संकोच कर रहे हैं.
प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए कंपनियां कई तरह के प्रलोभन दे रही हैं. हालांकि कुछ कंपनियां शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों को आकर्षित करने के लिए मुफ्त यात्रा टिकट, आवास और भोजन जैसे लाभ का वादा कर रही हैं. अन्य लोग आस-पास के स्थानों से नए लोगों को काम पर रख रहे हैं.
यहां तक कि कंपनियां लोगों को काम के लिए भेजने के लिए ग्राम प्रधान से बात कर रही हैं. बदले में, कंपनियां श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हैं और साथ ही वे अपनी व्यवस्था बनाने के लिए तैयार हैं. कई श्रमिकों ने भी लौटने की इच्छा व्यक्त की है, लेकिन कंपनियों को ऐसा करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ रहा है.