नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार की ओर से लाए गए पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) मसौदे को लेकर विपक्षी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी है. इस मामले में सभी केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी सरकार से इस मसौदे को वापस लेने की मांग कर चुके हैं. अब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस मसले पर सरकार को घेरा है. उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में लिखे अपने लेख में सरकार पर इस मुद्दे पर निशाना साधा है. सोनिया गांधी ने यह भी कहा है कि बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पीएम मोदी का रिकॉर्ड पर्यावरण को लेकर खराब रहा है.
सोनिया गांधी ने कहा है कि हम लोगों की ओर से प्रकृति की रक्षा करना अहम है. पीएम मोदी को इस मसौदे पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘जब आप प्रकृति की रक्षा करेंगे तभी प्रकृति भी आपकी रक्षा करती है. हाल ही में दुनिया में फैली कोरोना वायरस महामारी भी हमें नई सीख दे रही है. ऐसे में हमारा यही फर्ज है कि हम प्रकृति की रक्षा करें.’ उन्होंने यह भी कहा कि चाहे कोयला खदानों का मामला हो या फिर EIA, सरकार की ओर से किसी की भी राय नहीं ली जा रही है. सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि देश ने विकास की रेस में आगे बढ़ने के लिए पर्यावरण की बलि दी है. लेकिन इसकी भी एक सीमा तय होनी चाहिए.
सोनिया गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि इस सरकार का रिकॉर्ड पिछले 6 साल में ऐसा रहा है, जिसमें पर्यावरण की रक्षा करने को लेकर कोई विचार नहीं है. हमारा देश मौजूदा समय में दुनिया में इस मामले में काफी पीछे है. कोरोना महामारी के कारण सरकार को इस पर विचार करने की जरूरत थी. लेकिन इसकी अनदेखी हो रही है.’ उन्होंने यह भी कहा कि नई पर्यावरण नीति को कोई भी विरोध नहीं कर रहा है. सरकार को इसे लाने से पहले इसके लिए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए थी.