शाहजहांपुर. पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका मिला है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रेप पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों की कॉपी उन्हें नहीं दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के बयानों की कॉपी आरोपी चिन्मयानंद को देने के आदेश को रद्द कर दिया.
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 7 नवंबर 2019 के आदेश के खिलाफ शाहजहाँपुर कानून की छात्रा की अपील पर फैसला सुनाया जिसमें कहा गया था कि चिन्मयानंद सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान की प्रमाणित प्रति पाने के हकदार हैं.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 24 अगस्त 2019 को स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद से पीड़िता लापता हो गई थी. तब पीड़िता के पिता ने शहर कोतवाली में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था लेकिन इससे पूर्व स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने एक अज्ञात मोबाइल नंबर पर 5 करोड़ रूपए रंगदारी मांगने का मामला दर्ज करा दिया था.
पीड़िता को स्थानीय पुलिस ने राजस्थान के दौसा से बरामद किया. तभी सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए पीड़िता को न्यायालय में पेश करने का आदेश किया और उत्तर प्रदेश सरकार को इस पूरे मामले की विशेष जांच दल एसआईटी गठित करके उसे जांच कराने का निर्देश दिया. एसआईटी ने तकरीबन 3 माह से चल रही इस जांच में स्वामी चिन्मयानंद के अलावा रंगदारी मांगने के आरोप में पीड़िता समेत संजय, विक्रम सचिन को जेल भेज दिया, जबकि भाजपा के दो नेताओं को भी रंगदारी मांगने के आरोप में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया था.