- मुख्य सचिव से अभद्रता कर एक नई मुसीबत खड़ी कर दी
- (डीएएसएस) अधिकारियों का विरोध में काम नहीं करने का एलान
नई दिल्ली। झाड़ू चुनाव चिन्ह लेकर बड़े अरमानों से सियासत का कचरा साफ करने चली ‘आप’ यानि आम आदमी पार्टी बेचारी अपने घर में ही घुसे कचरे में उलझने को मजबूर हो गई है। हाल ही में लाभ के पद वाले मामले में लगे झटके से अभी वह पूरी तरह से उबर भी नही पाई थी कि अब उसके दो विधायकों ने मुख्य सचिव से अभद्रता कर एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है। हालांकि आम आदमी पार्टी का कहना है कि अभद्रता हमारे विधायकों ने नही बल्कि मुख्य सचिव द्वारा की गई है। वहीं जानकारों की मानें तो उनका कहना है कि यह सब कुछ आचरण में आती दरिद्रता का ही परिणाम है।
गौरतलब है कि आज एक बैठक के दौरान जब अमानतुल्लाह द्वारा राशन की दुकानों पर मशीन लग जाने के चलते ढाई लाख परिवारों को पिछले महीने से राशन नहीं मिलने की शिकायत की गई। तब वहां मौजूद चीफ सेक्रेटरी ने कह दिया कि वो इन सभी सवालों का जवाब एलजी को देंगे। ठीक इसके बाद जब तीन साल केजरीवाल, वाले विज्ञापन का मामला उठा तो आपस में जोरदार बहस छिड़ गई। देखते देखते मामला इतना बढ़ गया कि तैश में आकर आप के दो विधायक अभद्रता कर बैठे।
बताया जाता है कि चीफ सेक्रेटरी इस मामले में पुलिस केस दर्ज करवाने की तैयारी कर रहे हैं। खबरें हैं कि केस दर्ज करवाने से पहले चीफ सेक्रेटरी एलजी से मंजूरी और राय-मशविरा करने के लिए उनसे मुलाकात करने पहुंचे हैं।
वहीं अब दिल्ली प्रशासनिक अधीनस्थ सेवाओं(डीएएसएस) के ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ आम आदमी पार्टी(आप) के दो विधायकों की कथित बदसलूकी के विरोध में काम नहीं करने का एलान किया है। डीएएसएस के अध्यक्ष डी एन सिंह ने आज यहां मीडिया से बातचीत में कहा हम मुख्य सचिव के साथ है और जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता काम पर नहीं लौटेंगे और तुरंत प्रभाव से हड़ताल पर जा रहे हैं।
साथ ही सिंह ने कहा कि उपराज्यपाल अनिल बैजल से इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है । यह संवैधानिक संकट जैसा है और ऐसी घटना पिछले कुछ वर्षों में नहीं देखी गई। आपको बतां दे कि अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया है कि सोमवार देर शाम सीएम आवास पर जारी एक मीटिंग के दौरान दो विधायकों ने उनके साथ धक्का-मुक्की और बदतमीजी की। उनका आरोप है कि यह सब सीएम केजरीवाल के सामने ही हुआ।
जबकि वहीं इस मामले को सफाई देते हुए पार्टी की ओर से कहा गया है कि, मीटिंग के दौरान दिल्ली मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से सवाल किए जाने पर उन्होंने बदतमीजी की थी। आप की ओर से आरोप लगाया गया कि, अंशु प्रकाश ने बैठक में कहा कि वे विधायकों के किसी भी सवाल का उत्तर नहीं देंगे, क्योंकि वे सिर्फ उपराज्यपाल के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने विधायकों के साथ गलत भाषा का उपयोग किया और फिर सीएम आवास से चले गए. अब वे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।