- जवान भूमाफिया और दबंगों सहित सिस्टम से परेशान
- स्थानीय थाने गए तो पुलिस ने उन्हें भगा दिया
लखनऊ। वो जो खुद हर पल अपनी जान जोखिम में रखकर देश और हम सबको सुरक्षित रखते हैं अगर उनको ही सिस्टम और दबंगों द्वारा इस कदर परेशां कर दिया जाये कि वह रो दे और अपना आपा ही खो दे तो ये हम सबके लिए एक बहुत बड़ा अभिशाप है। ऐसा ही एक मामला प्रदेश के मेरठ जनपद में सामने आया है जहां एक बीएसएफ जवान भूमाफिया और दबंगों सहित सिस्टम से इतना परेशान हो चुका है कि मजबूरन हथियार उठाने की बात कर रहा है। इतना ही नही उक्त जवान कारगिल जंग में भी बखूबी लड़ा और मेडल् भी पाया।
गौरतलब है कि कारगिल करगिल युद्ध में मेडल जीत चुके नायब सूबेदार जगबीर ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा है कि वह बॉर्डर पर कभी नहीं रोए लेकिन सिस्टम ने उसे रुला दिया है। जगबीर मौजूदा समय में गुजरात में पाकिस्तान के बॉर्डर पर तैनात हैं। पीड़ित जवान का कहना है कि उसकी जमीन भूमाफियाओं ने कब्जा कर ली है। जगबीर ने बताया कि वह इंचौली के जलालाबाद उर्फ जलालपुर गांव के रहने वाले हैं। इनकी पत्नी सीमा सिंह के नाम खसरा नंबर 485 की जमीन है, इसी जमीन को दबंगों ने कब्जा कर लिया है।
उन्होंने बताया कि वह संभवतः उस जमीन पर घर बनवा लेते लेकिन उस वक्त पैसे कम पड़ने पर सोचा कि गेहूं की फसल बेचकर घर बनवाएंगे लेकिन जब वह ड्यूटी पर चले गए तो इसी दौरान उनकी जमीन पर कब्जा हो गया। उनका कहना है कि उसके पिता बूढ़े हैं और चलने फिरने में असमर्थ हैं तो वह देश सेवा करें या भूमाफिया से लड़ें। उन्होंने बताया कि उन्होंने विजया बैंक से 10 लाख का लोन लिया है। जिसमें से 7 लाख मकान मालिक को दे दिए और बाकी बचे पैसों से मकान बनवाते।
जगबीर के मुताबिक, जब वो स्थानीय थाने गए तो पुलिस ने उन्हें भगा दिया। इसके बाद जब जवान ने इसकी शिकायत कमिश्नर से की तो उन्होंने एसडीएम सरधना को कार्रवाई के लिए लिख दिया। जगबीर ने बताया कि बुधवार को मेरठ में एसडीएम के यहां जमीन को खाली कराने की गुहार लगाई लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। जवान ने एसडीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो आरोपियों से मिले हुए हैं। जिला प्रशासन ने बताया कि बीएसएफ जवान की मांग गलत हैं। हमने जांच करा ली है और सारे आरोप गलत हैं।