अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना की ब्रांडिंग हेतु प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में ओडीओपी डिस्प्ले सेंटर स्थापित कराया जाये। जनपदों में चिन्हित ओडीओपी उत्पाद का प्रदर्शन किया जाये। इसके साथ ही प्रदेश के सभी औद्योगिक आस्थानों में अवस्थापना सुविधा को और अधिक सुदृढ़ किया जाय।
डा0 सहगल ने यह निर्देश आज लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में एमएसएमई विभाग की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होंने कहा कि ओडीओपी योजना के तहत अधिक से अधिक वर्चुअल एक्जीविशन का आयोजन किया जायेगा। वर्चुअल एक्जीविशन में प्रतिभाग करने वाले हस्तशिल्पियों एवं उद्यमियों को एमडीए योजना के तहत लाभ दिये जाने पर विचार किया जायेगा। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रस्तावित एमएसएमई नीति, टाॅय पॅालिसी और अटल नवोदय योजना की कार्यवाही में तेजी लाई जाय। साथ ही विभाग में मृतक आश्रितों को सेवायोजित किये जाने तथा कार्मिकों के पदोन्नति प्रकरण का निस्तारण प्राथमिकता पर सुनिश्चित किया जाय।
अपर मुख्य सचिव ने विभाग द्वारा संचालित स्वरोजगारपरक योजनाओं के बजट की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभिन्न योजनओं के वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट में प्राविधानित धनराशि के सापेक्ष 50 प्रतिशत की वित्तीय स्वीकृतियां प्रदान की जा चुकी है। इस आवंटित धनराशि का समय से सदुपयोग सुनिश्चित किया जाये। लघु उद्योग तकनीकी उन्नयन योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक उद्यमिता विकास योजना तथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत ऋण वितरण, प्रशिक्षण, टूलकिट वितरण का कार्य तीव्र गति से किया जाये। इसके अतिरिक्त अन्य योजनाओं को भी प्राथमिकता से धरातल पर उतारने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
बैठक में एमएसएमई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।