प्रयागराज. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उत्तर प्रदेश की टीजीटी और पीजीटी भर्ती परीक्षा में शामिल करने की मांग में याचिका दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचियों और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की बहस सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद अभ्यर्थियों को भर्ती परीक्षा में शामिल होने का अवसर नहीं मिलेगा. गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने 2020 में टीजीटी और पीजीटी भर्ती का विज्ञापन जारी किया था, जिसे बाद में चयन बोर्ड को कोर्ट के आदेश पर रद्द करना पड़ा था.
बोर्ड ने नए सिरे से टीजीटी व पीजीटी के 12603 पदों के लिए 16 मार्च 2021 को विज्ञापन जारी किया. चयन बोर्ड ने विज्ञापन शर्तों में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि विज्ञापन रद्द होने के पहले आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को फिर से आवेदन करना होगा. हालांकि, उन्हें परीक्षा शुल्क देय नहीं होगा. याची अखिलेश्वर कुमार व 38 अन्य ने दोबारा आवेदन नहीं किया. इसके बावजूद प्रवेश पत्र जारी करने और परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की. कोर्ट ने विज्ञापन शर्तों का पालन न करने के आधार पर याचिका खारिज कर दी.
सुनवाई पूरी होने के बाद याचिका खारिज कर दी
माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के पैनल अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने चयन बोर्ड का पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि अभ्यर्थियों ने विज्ञापन शर्तों का पालन नहीं किया है. इस आधार पर इन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. हम आपको बता दें कि चयन बोर्ड की ओर से 7 व 8 अगस्त को टीजीटी और 17 व 18 अगस्त को पीजीटी की भर्ती परीक्षा आयोजित हो रही है. जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी की एकल पीठ ने सुनवाई पूरी होने के बाद याचिका खारिज कर दी.