मौजूदा समय में मोबाइल फोन मानो हमारे शरीर का एक अहम अंग बन गया है, यदि गलती से कभी फोन लिए बगैर घर से बाहर निकल जाएं तो लगता है हमारे गुर्दे तो घर ही छूट गए. लेकिन, यहां सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि मोबाइल फोन पर हद से ज्यादा बढ़ रही निर्भरता सिर्फ नौजवानों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी बहुत खतरनाक है. आज के इस समय में ये बहुत आम बात हो गई है कि छोटे-छोटे बच्चे भी घंटों मोबाइल फोन में लगे रहते हैं, जो उनकी सेहत के लिए काफी हानिकारक है.
घंटों तक स्क्रीन के सामने बैठे रहना खतरनाक
मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल हमारे लिए कितना खतरनाक है, इस विषय पर आपको ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने के लिए टीवी9 भारतवर्ष ने मेंटल हेल्थ काउंसलर अरोबा कबीर के साथ खात बातचीत की. अरोबा ने बताया कि कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम की सुविधा मिलने के बाद से मोबाइल फोन के इस्तेमाल में काफी बड़ा इजाफा देखने को मिला है. लिहाजा, हमारी आंखों को कई घंटों तक मोबाइल, टीवी और लैपटॉप की स्क्रीन के सामने रहना होता है. ऐसे में लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब आपको जरूरत न हो तो मोबाइल और लैपटॉप से दूरी बनाकर रखना ही बेहतर है.
वर्क फ्रॉम होम के दौरान किन बातों का रखें खास ध्यान
अरोबा ने कहा कि ज्यादा देर तक स्क्रीन के सामने रहने की वजह से हम ज्यादा खाना खाते हैं, जो हमें कई तरह से नुकसान पहुंचाते हैं. इससे आपका वजन तो बढ़ता ही है, इसके साथ ही नींद भी अनियमित हो जाती है. इसके अलावा हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया हमारे लिए एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म है लेकिन इसका सीमित इस्तेमाल ही करना चाहिए. अरोबा ने बताया कि काम करना तो जरूरी है ही लेकिन इस दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेना भी बहुत जरूरी है. इस ब्रेक के दौरान आप घर में ही वॉकिंग कर सकते हैं और अन्य छोटी-मोटी एक्सरसाइज कर सकते हैं. इसके अलावा आंखों की एक्सरसाइज करना भी बहुत जरूरी है.