नई दिल्ली. भारत के सेवा क्षेत्र में अगस्त में पिछले डेढ़ साल में सबसे तेज गति से विस्तार हुआ है. ऐसा नये काम के मजबूत प्रवाह और मांग की सुधरी दशाओं की वजह से हुआ. एक मासिक सर्वेक्षण में शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी. कई प्रतिष्ठानों के फिर से खुलने और उपभोक्ताओं की संख्या में इजाफे के सहारे बिक्री में वृद्धि के कारण इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स जुलाई में 45.4 से बढ़कर अगस्त में 56.7 हो गया.
सेवा क्षेत्र में पिछले चार महीनों में उत्पादन में पहली बार वृद्धि और कारोबारी विश्वास की बहाली दर्ज की गयी. परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की भाषा में, 50 से ऊपर अंक का मतलब वृद्धि होता है, जबकि 50 से नीचे अंक संकुचन को दर्शाता है.
आईएचएस मार्किट में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पोलियाना ड लीमा ने कहा, कई प्रतिष्ठानों को फिर से खोलने और टीकाकरण का दायरा बढऩे के कारण ग्राहकों के विश्वास में सुधार के सहारे भारतीय सेवा क्षेत्र ने अगस्त में वापसी की. अगस्त में सेवा प्रदाताओं को दिए गए नये ऑर्डर में वृद्धि हुई, जिससे तीन महीने की कमी का क्रम समाप्त हो गया.
हालांकि, कंपनियों के नये निर्यात ऑर्डर में और गिरावट देखी गयी. मंदी अक्सर महामारी और यात्रा प्रतिबंधों से जुड़ी थी. लीमा ने कहा, सेवा प्रदाता एक उज्जवल भविष्य की उम्मीद करते हैं, कंपनियों ने संकेत दिया है कि यदि प्रतिबंधों को हटाना जारी रहे तथा महामारी की और लहरों से बचा जा सके तो आर्थिक पुनरुद्धार को जारी रखा जा सकता है.
पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बाद देश की अर्थव्यवस्था एक बार फिर मजबूती के साथ पटरी पर लौट रही है. मंगलवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के आंकड़े जारी किए. मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के आंकड़े बताते हैं कि जीडीपी विकास दर 20.1 फीसदी रही है.