नई दिल्ली. देश भर में कोयले की कमी को लेकर अफरा-तफरी के बीच ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने नाराज़गी जताई है. उन्होंने कहा है कि बिजली कंपनियां और राज्य सरकारें जबरदस्ती लोगों में दहशत फैला रही है. उन्होंने कहा कि कंपनियों का ये व्यवहार गैर-जिम्मेदाराना है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दावा किया जा रहा है कि कोयले की कमी के चलते कई राज्यों में ब्लैकआउट की नौबत आ सकती है. कहा जा रहा है कि पावर प्लांट्स को जरूरत के मुताबिक कोयला नहीं मिल रहा है.
आरके सिंह ने रविवार को गेल और टाटा पावर को गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के खिलाफ चेतावनी दी. बता दें कि कंपनी ने कहा था कि देश में कोयले का भंडार अगले सिर्फ 4-5 दिनों के लिए बचा है
बिजली मंत्रालय, बीएसईएस और टाटा पावर के अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद आरके सिंह ने कहा, कल [शनिवार] शाम को मुझे दिल्ली के एलजी का फोन आया. उन्होंने मुझे बताया कि दिल्ली के सीएम ने बिजली संकट को लेकर उन्हें पत्र लिखा है. दिल्ली में बिजली आपूर्ति मांग के मुताबिक है और भविष्य में भी की जाएगी.
दहशत को बिना किसी आधार के बताते हुए आरके सिंह ने कहा कि ये मुद्दा इसलिए शुरू हुआ क्योंकि गेल ने दिल्ली डिस्कॉम को एक मैसेज भेजा. जिसमें उन्होंने लिखा कि वे अनुबंध समाप्त होने के कारण आपूर्ति बंद करने जा रहे हैं. मंत्री ने कहा, मैंने निर्देश दिया है कि आपूर्ति किसी भी हाल में बंद नहीं होनी चाहिए. कहीं कोई संकट नहीं है. यह एक अनावश्यक संकट है.
मंत्री ने गेल और टाटा पावर के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार की भी आलोचना की और आश्वासन दिया कि देश के पास अभी भी 4-5 दिनों का रिजर्व है. उन्होंने कहा, ‘हमारा कोयला स्टॉक बनाया जा रहा है, चिंता की कोई बात नहीं है. लोगों को पता होना चाहिए कि हम लगातार हालात पर नजर रख रहे हैं. ये स्थिति इसलिए है क्योंकि मांग में वृद्धि हो रही है. डिमांड अधिक है, इसका मतलब है कि आर्थिक विकास हो रहा है.
बता दें कि पिछले दिनों पड़ोसी देश चीन में ब्लैक आउट की नौबत आ गई थी. वहां हालात को संभालने के लिए कई फैक्ट्री और स्कूल को बंद करने पड़े थे. भारत में कोयले से चलने वाले 135 पावर प्लांट हैं. देश की 70 फीसदी बिजली यहीं से आती है. सेंट्र्ल ग्रीड ऑपरेटर के डेटा के मुताबिक यहां फिलहाल तीन दिनों से कम का स्टॉक बचा है.