लखनऊ. लखीमपुर कांड का मुख्य आरोपी आशीष मिश्र गिरफ्तार हो गया है. अब किसान संगठन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त किए जाने की मांग पर अड़ गया है. बीजेपी की तर्ज पर संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन तेज करने का फैसला किया है. जिन चार किसानों की मौत हो गई है, उनके घर पर 12 अक्टूबर को भोग की रस्म है. उस दिन किसान संगठनों ने लखीमपुर के अलावा अपने अपने इलाकों में भी इसे आयोजित करने का ऐलान किया है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि अगर 11 अक्टूबर तक मंत्री को बर्खास्त नहीं किया गया तो फिर इसके खिलाफ देशभर में आंदोलन होगा. इसे देखते हुए योगी सरकार ने उन इलाकों में अलर्ट जारी किया है जहां गड़बड़ी हो सकती है. रविवार को मुख्यमंत्री के घर हुई बैठक के बाद ये फैसला हुआ. इन इलाकों में 20 आईपीएस अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है. लखीमपुर जिले में एडीजी और आईजी रैंक के पुलिस अफसरों को तैनात किया गया है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने 12 अक्टूबर को देश भर में शहीद किसान दिवस मनाने का एलान किया है. अपील की गई है कि उस दिन सभी लोग मारे गए किसानों तो श्रद्धांजलि देने के लिए प्रार्थना सभा करें. शाम में कैंडल मार्च निकालें और अपने अपने घर के बाहर पांच पांच मोमबत्तियां जलाएं. मारे गए किसानों के अस्थि को लेकर कलश यात्रा निकाली जाएगी, ये यात्रा यूपी के हर जिले में होगी.
अस्थि कलश यात्रा देश के बाकी राज्यों में भी आयोजित की जाएगी. ये तय हुआ है कि यात्रा का समापन किसी पवित्र या फिर ऐतिहासिक जगह पर होगा. फिर संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 अक्टूबर को विजयादशमी के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेन्द्र मोदी के पुतला दहन करने का फैसला किया है. इंटेलिजेंस पुलिस से मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा होने पर कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा है. इसीलिए यूपी के कई जिलों में एडिशनल फोर्स की तैनाती की जा रही है. इसके लिए बीस सीनियर आईपीएस अफसरों को तैनात किया गया है..
किसान संगठनों की अपील के बाद पुलिस हेड क्वार्टर में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. लखीमपुर की घटना के बाद किसान आंदोलन को तेज करने की तैयारी है. जो आंदोलन अब तक पश्चिमी यूपी तक सीमित था, उसके अवध और पूर्वांचल तक फैल जाने का खतरा है. संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 अक्टूबर को लखनऊ में किसान महापंचायत करने का फैसला किया है. अगले साल की शुरूआत में यूपी में विधानसभा चुनाव है. लखीमपुर की घटना के विरोध में किसानों का आंदोलन योगी सरकार के लिए नया सिरदर्द बन गया है.