लखनऊ/लखीमपुर. लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र मोनू अब तीन दिन की पुलिस कस्टडी में रहेंगे. कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. पुलिस ने 14 दिन की रिमांड मांगी गई थी.
वहीं, पुलिस ने एक लाइसेंसी राइफल और पिस्टल को जब्त किया, जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. ये दोनों असलहे आशीष मिश्र के नाम हैं. एक मोबाइल भी जब्त किया गया है. आशीष मिश्र के पुलिस कस्टडी पर सुनवाई शुरू हो गई है.
9 अक्टूबर की देर रात आशीष को गिरफ्तारी के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. इस दौरान ही पुलिस ने आशीष से पूछताछ के लिए लखीमपुर खीरी के सेशन कोर्ट में तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी डाली थी.
पुलिस ने घटनास्थल के पास से दो दुकानों के डीवीआर जब्त किए थे. सूत्रों के मुताबिक जिसमें आशीष की तरह सफेद शर्ट पहने हुए एक व्यक्ति थार में बैठा है, जबकि ड्राइवर पीली धारीदार शर्ट पहने था. जिसके आधार पर पुलिस ने इसको साबित करने के लिए अन्य साक्ष्य जुटा रही है. आशीष की थार का 13 जुलाई 2018 से बीमा भी नहीं है. जिसके चलते मोटर व्हीकल एक्ट में भी कार्रवाई होगी. इसके चलते मृतक के क्लेम करने पर उन्हें ही मुआवजे की राशि भुगतान करनी होगी, यदि कोर्ट से पीडि़त पक्ष को मुआवजा देने के लिए मांग करेगा और कोर्ट उसके पक्ष में निर्णय देगी.
आशीष के वकील का विरोध
लखीमपुर खीरी के सेशन कोर्ट में गिरफ्तार होने के बाद आशीष मिश्र के वकील ने पुलिस की कस्टडी रिमांड का विरोध किया था. माना जा रहा है कि सोमवार को भी सुनवाई के दौरान आशीष मिश्र के वकील अवधेश सिंह पुलिस कस्टडी रिमांड का विरोध करेंगे. उनका कहना है कि जब इस मामले में किसी तरीके की कोई बरामदगी या अन्य कोई एविडेंस जुटाने की जरूरत नहीं है, तब पुलिस कस्टडी रिमांड नहीं दी जानी चाहिए.
हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और आपराधिक साजिश का केस
9 अक्टूबर को करीब 12 घंटे तक की पूछताछ के बाद आशीष को गिरफ्तार किया गया. आशीष पर मर्डर, एक्सीडेंट में मौत, आपराधिक साजिश और लापरवाही से वाहन चलाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है. मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज किए गए हैं. आशीष का क्राइम ब्रांच में ही मेडिकल टेस्ट हुआ.