नई दिल्ली. पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बातचीत में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई भी मौजूद रहे. पीएम मोदी ने इस दौरान सभी विजेताओं को डिजिटल सर्टिफिकेट भी दिए.
पीएम मोदी ने इस दौरान प्रेरक काम करने वाले इन बच्चों के साथ बातचीत की. बिहार के धीरज कुमार से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, आपका नाम बड़ा धैर्य से भरा हुआ है. इस दौरान धीरज ने पीएम मोदी को बताया कि, हम दोनों भाई नदी के किनारे बैठे थे. तभी मगरमच्छ ने हमला बोल दिया. मैं गया और उसे बचाया, उसने मुझे भी मारा. जिसके बाद भाई को लेकर अस्पताल गया. पीएम मोदी ने धीरज से पूछा कि क्या आपको तब मगरमच्छ से डर नहीं लगा? इस पर उन्होंने कहा कि, उस वक्त मुझे अपने भाइयों की चिंता थी. मुझे कुछ और नहीं सूझा.
पीएम मोदी ने एक राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता से बातचीत करते हुए कहा कि, आप व्याख्यान भी देते हैं, आपने बालमुखी रामायण भी लिखी है… इतना सारा काम आप कैसे कर लेते हैं? बचपन बचा है या फिर वो भी चला गया है? इस पर बच्चे ने कहा कि, ये सब भगवान राम की कृपा से हो रहा है. मेरे माता-पिता और सारे चाहने वालों की वजह से मैं ये सब कर पाता हूं. बच्चे ने बताया कि जब लॉकडाउन के दौरान रामायण का प्रसारण किया गया तो मुझे वहां से इसे लिखने की प्रेरणा मिली. मुझे लगा कि बच्चे इसे अपने जीवन में उतारकर आदर्श जीवन जी सकते हैं.
बता दें कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह के दौरान ये बाल पुरस्कार दिए जाते हैं. इसमें उन बच्चों को शामिल किया जाता है, जिन्होंने कोई बहादुरी का या फिर कुछ ऐसा काम किया हो जो समाज को प्रेरित करता हो. हर साल गणतंत्र दिवस की परेड में भी इन बच्चों को शामिल किया जाता है. लेकिन इस बार कोरोना की स्थिति को देखते हुए इस कार्यक्रम को वर्चुअली किया गया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही पीएम ने सभी बच्चों के साथ बातचीत की.