नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने सिर्फ इन दोनों देशों को ही नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि पूरी दुनिया पर संकट खड़ा कर दिया. अनाज की सप्लाई बाधित होने से कई देशों में पेट भरने का संकट भी खड़ा हो रहा. ऐसे में भारतीय किसानों के उगाए अनाज दुनिया का सहारा बन रहे हैं. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया कि भारतीय किसान दुनिया को खाना खिला रहे हैं. साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि इजिप्ट ने भारत से गेहूं आयात को मंजूरी दे दी है. खाद्य निर्भरता के लिए दूसरे विकल्पों की ओर देख रही दुनिया को मोदी सरकार ने आगे बढ़कर भारत का रास्ता दिखाया है. इस दिशा में इजिप्ट हमारा नया भागीदार बन गया है.
उन्होंने भारतीय किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा, हमारे किसानों से यह आश्वस्त किया है देश का अनाज भंडार पूरी तरह भरा है. इसमें हमारी जरूरतों से कहीं ज्यादा अनाज है और अब हम दुनिया की सेवा करने के लिए तैयार हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अनाज के लिए परेशान इजिप्ट को भारत की राह ऐसे ही नहीं मिल गई, बल्कि इसके लिए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने पूरा माहौल तैयार किया है. दरअसल, मार्च के आखिर में जब वे इनवेस्टोपिया समिट और वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में हिस्सा लेने दुबई पहुंचे तो एजिप्ट की वित्त मंत्री के पास की कुर्सी मिली.
गोयल ने इजिप्ट की वित्तमंत्री से मीटिंग के बाद अलग से मुलाकात करने की बात कही. उन्होंने स्वीकार कर लिया और अपने सचिव को भेजकर गोयल को बुलाया. दोनों के बीच 10 मिनट की बातचीत के बाद इजिप्ट ने अपना एक दल भारत भेजा ताकि यहां से आयात के नफा-नुकसान को परखा जा सके. अब सबकुछ देखने के बाद इजिप्ट ने भारत से गेहूं आयात की अनुमति दे दी है.
पीयूष गोयल ने कहा कि पहले यूपीए सरकार ने भी गेहूं निर्यात की तमाम कोशिशें की, लेकिन 10 साल में उसे कोई सफलता नहीं मिल सकी. हमने वाणिज्य मंत्रालय के 10 अधिकारियों की टीम बनाई है जो दुनिया के 180 देशों में निर्यात के अवसर तलाश रही है.
कृषि उत्पादों की हिस्सेदारी बढ़ने से देश का निर्यात भी रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया है. 2021-22 में भारत ने 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को भी पार कर लिया है, जो एक रिकॉर्ड है. मार्च में भी देश का निर्यात 20 फीसदी बढ़कर 42.22 अरब डॉलर पहुंच गया. बीते वित्तवर्ष में निर्यात एक साल पहले के मुकाबले करीब 37 फीसदी बढ़ा है. इस लक्ष्य को पाने के लिए मोदी सरकार ने जिला स्तर पर निर्यात बढ़ाने का काफी प्रयास किया था.