नई दिल्ली. केंद्रीय विद्यालयों में अब सांसद और जिलाधिकारी कोटे से एडमिशन नहीं होगा. केंद्रीय विद्यालय संगठन ने एक पत्र जारी कर स्पष्ट तौर पर इस संबंध में निर्देश दे दिया है. इस निर्णय का बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने स्वागत किया है. सुशील मोदी ने इसके फायदे भी गिनाए हैं.
सुशील कुमार मोदी ने केंद्रीय विद्यालयों में सांसद और जिलाधिकारी कोटे से होने वाले लगभग 30 हजार दाखिले पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत किया और मांग की कि यह कोटा स्थायी रूप से समाप्त किया जाए. उन्होंने कहा कि कोटा स्थगित करने के शिक्षा मंत्रालय के निर्णय से इन सीटों पर भी एससी-एसटी, ओबीसी कोटे से हर साल 15000 छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलेगा
इस फैसले को लेकर सुशील मोदी ने कहा कि वे सांसद-कलेक्टर कोटे से दाखिला बंद करने की मांग करते रहे हैं. उन्होंने सदन में भी यह मामला उठाया था. उन्होंने बताया कि अब तक हर सांसद दस और विद्यालय प्रबंधक समिति अध्यक्ष के नाते हर कलेक्टर अपने जिले के प्रत्येक केंद्रीय विद्यालय में न्यूनतम 17 छात्रों का नामांकन अपने कोटे से करा सकता था. सांसद कोटे से 7,500 और कलेक्टर कोटे से 22,000 छात्रों के दाखिले होते रहे.
उन्होंने कहा कि ऐसे नामांकन में न आरक्षण के नियमों का पालन होता है, न योग्यता को आधार बनाया जाता है. दाखिला को कोटा मुक्त करने से आरक्षण और योग्यता के आधार पर नामांकन के लिए एक झटके में 30 हजार सीटें बढ़ जाएंगी. यह कोटा जनप्रतिनिधियों से लोगों की नाराजगी का कारण बन गया था. अपने कोटे से सांसद केवल दस दाखिला करा सकता था, जबकि लाभ चाहने वालों की संख्या सैकड़ों में होती थी.
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