भरूच. गुजरात के भरूच में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने मुलायम सिंह यादव को याद करते हुए उनकी जमकर तारीफ की. पीएम मोदी ने बताया कि किस तरह घोर राजनीतिक विरोधी होते हुए भी मुलायम सिंह उन्हें आशीर्वाद देते थे. पीएम ने कहा कि 2014 और 2019 के चुनाव से पहले समजावादी नेता ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया था.
पीएम मोदी ने जनसभा में उनकी पुरानी यादों का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 में उन्होंने फोन कर आशीर्वाद मांगा था. तब नेताजी ने आशीर्वाद के साथ सलाह के कुछ शब्द भी दिए थे. जो आज भी मेरी अमानत है. पीएम ने कहा कि जब भाजपा ने 2014 चुनाव के लिए मुझे प्रधानमंत्री पद के लिए आशीर्वाद दिया था तब मैंने विपक्ष में जो लोग मेरी परिचित थे, उनको फोन किया था. इसी क्रम में मैंने मुलायम सिंह जी को भी फोन लगाया था. उन्होंने कहा कि 2014 में नेताजी ने आशीर्वाद के साथ कुछ शब्द सलाह के भी दिए थे जोकि आज मेरे लिए अमानत हैं. पीएम ने कहा कि राजनीतिक विरोध के बावजूद पूरी संसद के सामने कह दिया था कि वो मुझे 2019 में फिर से एकबार पीएम देखने की इच्छा रखते हैं.
पीएम मोदी ने भरूच में कुछ परियोजनाओं के उद्घाटन और लोकार्पण के बाद जब संबोधन शुरू किया तो सबसे पहले मुलायम सिंह को याद किया. पीएम ने कहा कि आज सुबह जब यहां आ रहा था तो एक दुखद खबर भी मिली. मुलायम सिंह यादव जी का निधन हो गया है. उनका जाना देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. मुलायम सिंह जी के साथ मेरा नाता बड़ा विशेष प्रकार का रहा है. हम दोनों जब मुख्यमंत्री के तौर पर मिला करता था तो हमारे बीच एक अपनत्व का भाव था.
पीएम मोदी ने उनसे मिले आशीर्वाद को याद करते हुए कहा कि 2014 में भाजपा ने जब मुझे प्रधानमंत्री पद के लिए आशीर्वाद दिया तो मैंने विपक्ष में भी जो लोग थे, उनसे कुछ महानुभावों से बात की थी. मुझे याद है कि उस दिन मुलायम सिंह जी का वह आशीर्वाद मुझे मिला था. सलाह के कुछ शब्द, वह मेरी आज भी अमानत हैं. मुलायम सिंह जी की विशेषता रही कि 2013 में उन्होंने मुझे जो आशीर्वाद दिया था, उसमें कभी भी उतार-चढ़ाव नहीं आने दिया था.
इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि श्री मुलायम सिंह यादव जी एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे. उन्हें एक विनम्र और जमीन से जुड़े नेता के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया, जो लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील थे. उन्होंने लगन के साथ लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉ लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.