लखनऊ! समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में बीजेपी सरकार बदले की भावना से विपक्ष का उत्पीड़न और उन्हें बदनाम करने का काम कर रही है. स्वच्छ, ईमानदार और धर्मनिरपेक्ष छवि के वरिष्ठ समाजवादी नेता आजम खान उनके निशाने पर रहते हैं. जल निगम की भर्तियों से उनका कोई लेना-देना नहीं होने के बावजूद उनकी छवि बिगाड़ने की साजिशें रची जा रही हैं. बीजेपी का यह आचरण लोकतांत्रिक और राजनीतिक मूल्यों की गिरावट का उदाहरण है. बीजेपी सरकार केन्द्र में हो या राज्य में, वे हर मोर्चे पर विफल साबित हुई हैं. समाज का हर वर्ग असंतुष्ट है. बीजेपी सरकार नौकरी तो दे नहीं सकती, लेकिन नौजवानों को बेरोजगार करने में आगे है.
अखिलेश समाजवादी सरकार के समय की भर्तियों पर रोक लगाकर बीजेपी ने घटिया मानसिकता का परिचय दे दिया है. विपक्ष के नेताओं को चुन-चुनकर अपमानित करने का काम किया जा रहा है. जब से बीजेपी सत्ता में आई है, तब से किसी को रोजगार नहीं मिल है. शिक्षामित्रों, टीईटी प्रशिक्षुओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर खूब जुल्म हुआ है. पुलिस ने लाठियां चलाई. उनके साथ नाइंसाफी हो रही है. पुलिस भर्ती को रोकने की भी कोशिशें हुईं. बीजेपी की नीति और नियत, दोनों में खोट है- अखिलेश अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी की नीति और नियत, दोनों में खोट है.
उनका एजेंडा गरीब, नौजवान, अल्पसंख्यक विरोधी है. विपक्षी नेताओं पर झूठे इल्जाम लगाने वाली बीजेपी को खुद अपने कारनामे देखने चाहिए. राज्य मंत्रिमंडल के दो मंत्री खुलेआम बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ने की बात कर रहे हैं. जनता की निगाहों में अब बीजेपी सरकार की साख गिर चुकी है. जनता यह सच्चाई जान गई है कि बीजेपी के पास करने को कुछ भी नहीं है, लेकिन सच्चाई के आगे बीजेपी का झूठ कितने दिन और चलेगा. बीजेपी केवल राष्ट्रवाद का नारा देती है, लेकिन राष्ट्र निर्माण की युवा शक्ति के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में उसे कोई संकोच नहीं है.