- सांसद के तौर पर भी उन्होंने महानता की ऐसी मिसाल छोड़ी
- जो न सिर्फ सराहनीय है बल्कि अन्य के लिए अनुकरणीय भी
- वेतन और भत्ते को प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दिया
- सचिन तेंदुलकर ने सासंद निधि का अच्छा उपयोग किया
नई दिल्ली। किसी भी व्यक्ति की महानता उसके हर क्रियाकलाप में समाहित होती है और एक तरह से उसके हर काम में झलकती है ऐसे ही नही सचिन को महान माना जाता है वो वाकई महान हैं भी, खेल की दुनिया में तो इसके तमाम उदाहरण हैं ही। वहीं अब हाल में एक सांसद के तौर पर भी उन्होंने अपनी महानता की ऐसी मिसाल छोड़ी है जो न सिर्फ सराहनीय है बल्कि अन्य के लिए अनुकरणीय भी है।
गौरतलब है कि दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने जब तब उनकी आलोचना करने वालों को बड़ा ही करारा जवाब दिया है. उन्होनें राज्यसभा सांसद के रूप मे मिले वेतन और भत्ते को प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दिया है। पिछले छह वर्षो में तेंदुलकर को वेतन के रूप में लगभग 90 लाख रूपये और अन्य मासिक भत्ते मिले थे।
ज्ञात हो कि उनका कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ था. सचिन को संसद मे उनकी गैर-मौजूदगी के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही अभिनेत्री रेखा को भी संसद मे कम उपस्थिति के कारण कई बार आलोचना झेलनी पड़ी थी।
वहीं सचिन तेंदुलकर के उनके इस नेक काम के लिए पीएमओ ने भी आभार पत्र जारी किया है। आभार पत्र मे लिखा है कि ‘‘प्रधानमंत्री ने इस सहृदयता के लिये आभार व्यक्त किया है। यह योगदान संकटग्रस्त लोगों को सहायता पहुंचाने में बहुत मददगार होगा।’
इतना ही नही साल 2014 मे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लागू की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना कार्यक्रम के तहत तेंदुलकर ने दो गांवों को भी गोद लिया जिनमें आंध्र प्रदेश का पुत्तम राजू केंद्रिगा और महाराष्ट्र का दोंजा गांव शामिल हैं।
सबसे अहम बात है कि सचिन तेंदुलकर ने सासंद निधि का अच्छा उपयोग किया था। उनके कार्यालय से जारी आंकड़ों के मुताबिक सचिन ने देशभर मे 185 परियोजनाओं को मंजूरी देने और उन्हें आवंटित 30 करोड़ रूपए मे से 7.4 करोड़ रूपए शिक्षा और ढांचागत विकास मे खर्च करने का दावा किया है।