नई दिल्ली। देश के लिए बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज एससी/एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ विभिन्न दलित संगठनों द्वारा किया गया बंद न सिर्फ हिंसक रूप ले बैठा बल्कि कई जगहों से तोड़फोड़ और आगजनी तक की खबरें मिली हैं। फिर एक बार किसी बंद और प्रदर्शन को सियासी समर्थन मिलने के चलते हालात इस मुकाम पर पहुंचते नजर आ रहे हैं जो कि न देश और न ही आवाम किसी के भी हित में नही हैं लेकिन अपनी सियासी रोटियां सेंकने वाले दलों को तो दिख रहा है बस अपना फायदा और वो बखूबी इसे भुनाने में लग गए हैं।
जबकि ताजा मिली जानकारी के मुताबिक भारत बंद ने पूरे मध्यप्रदेश में हिंसक रूप ले लिया है। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सबसे ज्यादा हिंसा हुई है। कई शहरों, नगरों में तोड़फोड़, आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। जानकारी के मुताबिक इस हिंंसा में 5 लोगों के मारे जाने की सूचना है। ग्वालियर में 2 लोगों की मौत हुई है जबकि भिंड और मुरैना में एक-एक की मौत और डबरा में भी एक की मौत की सूचना है। दर्जनों घायलों में भी कुछ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। ग्वालियर के कई इलाकों में तोड़फोड़, पथराव, गोलीबारी और आगजनी की खबरें आ रही हैं वहीं भिंड में भीम सेना ने ट्रेन रोकने के लिए पटरी पर ही डेरा जमा लिया। बड़े पैमाने पर हो रही हिंसा के चलते ग्वालियर के मुरार, थाटीपुर, लहार, गोहद, मेहगांव सहित कई स्थानों पर कर्फ्यू लगा दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक ग्वालियर चंबल क्षेत्र में हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं हो रही हैं। ये पूरा इलाका सुलग रहा है। जगह-जगह आगजनी और तोड़फोड़ की जा रही है। ग्वालियर के मुरार इलाके, हजीरा, सदर बाजार, ठाठीपुर सहित कई इलाकों में भयंकर तोड़फोड़ के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है। इतना ही नहीं टोल प्लाजा पर प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों में तोड़फोड़ कर उनकी हवा निकाला दी जिससे गाड़ियां टोल नाके पर ही खड़ी हैं और लम्बा जाम लग गया है।
हालांकि वैसे तो इस बंद को देखते हुए राज्यों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं लेकिन यह नाकाफी साबित होते दिख रहे हैं। कई राज्यों में प्रदर्शनकारियों द्वारा तोड़फोड़ और आगजनी की खबरें आ रही हैं। सुबह से ही प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और ट्रेने रोक दीं। दलितों के इस प्रदर्शन को राजनीतिक दलों का समर्थन मिल गया है।
वहीं हालात के मद्देनजर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के उक्त फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर दायर करनी पड़ी है। वहीं इस बाबत मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री रवि शंखर प्रसाद ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सहमत नहीं है और हमने इसे लेकर पुनर्विचार याचिका दायर की है।
गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में यह बंद हिंसक होने लगा है और मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान के बाड़मेर, यूपी के मथुरा और हापुड़, झारखंड और बिहार के कई शहरों में हिंसा हुई है। मेरठ में तो प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ करने के साथ वाहनों और पुलिस थाने में आग लगा दी है। वहीं बाड़मेर में भी लोगों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। मध्य प्रदेश में भी प्रदर्शन के दौरान हिंसा में 1 शख्स की मौत होने की सूचना है। यूपी के हापुड़ में भी कई वाहनों को आग लगा दी गई है और आग बुझाने पहुंची दमकल की टीम पर पथराव हुआ है।
जानकारी के मुताबिक यूपी, बिहार के अलावा ओडिशा, पंजाब, राजस्थान समेत कई राज्यों में दलित समुदाय के लोग सड़कों पर उतरे और ट्रेनें रोकने के अलावा सड़कें भी जाम कर दीं। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायरों में भी आग लगा दी और नारेबाजी करने लगे। वहीं बंद के दौरान उत्तर बिहार के कई जिलों में ट्रेनें रोकी गईं। जबरन दुकानें बंद कराई गईं। सड़क पर आगजनी और जाम लगाकर प्रदर्शन किया जा रहा है। पथराव भी किया गया।
जिसके तहत जहां दरभंगा शहर में बंद समर्थकों ने जबर्दस्त उत्पात मचाया। दरभंगा जंक्शन पर नई दिल्ली से आने वाली स्वतंत्रता सेनानी ट्रेन पर पथराव किया। तीन ट्रेनों को रोके हुए हैं। दरभंगा टावर स्थित फल मंडी में तोडफोड़ व उत्पात मचाया। एनएच 57 सहित प्रमुख सड़कों को जाम कर दिया है। वहीं मधुबनी रेलवे स्टेशन पर बंद समर्थकों ने सियालदह-जयनगर गंगाएक्सप्रेस ट्रेन रोकी। जिला मुख्यालय सहित विभिन्न प्रखंड मुख्यालयों में बंद समर्थक सड़क जाम कर डटे हैं।
जबकि बेतिया में बंद समर्थक लाठी-डंडों के साथ सुबह करीब दस बजे ही सड़कों पर निकल पड़े। दुकानें बंद करा दीं। रेल परिचालन भी प्रभावित रहा। सुबह से ही ट्रेनें जहां की तहां खड़ी रहीं। मुजफ्फरपुर में रामदयालु व अहियापुर में सड़क जाम। टायर जलाकर प्रदर्शन। एंबुलेंस और स्कूली बस भी रोकी गई। कई जगहों पर हथियार के साथ प्रदर्शन। कांटी में बंद समर्थकों ने जबरन दुकानें बंद कराईं। एनएच 28 फोरलेन पर वाहनों का परिचालन रोका। करजा थाना क्षेत्र के बड़कागांव में मुजफ्फरपुर-देवरिया मार्ग बंद करने के दौरान एक गुट के विरोध पर झड़प।
इसी प्रकार से भारत बंद के मद्देनजर पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों की सरकारों ने चौकसी कड़ी कर दी है। दलित संगठनों के विरोध का सबसे अधिक असर पंजाब में पड़ने की संभावना है। इसके चलते पंजाब मे सभी स्कूल-कॉलेज, विश्वविद्यालय व बैंक सोमवार को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। सरकारी व प्राइवेट बस सेवा के साथ ही रात 11 बजे तक मोबाइल व डोंगल इंटरनेट सेवाएं तथा एसएमएस सेवाएं भी बंद करने के आदेश हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के 12 हजार अतिरिक्त जवानों को फील्ड में उतारा गया है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने उच्च स्तरीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि इराक में मारे गए पंजाबियों के अवशेष सोमवार को अमृतसर पहुंचने की संभावना है। इनको उनके गांव तक पहुंचाने में कोई विघ्न नहीं पैदा होना चाहिए।
ज्ञात हो कि सोमवार को बुलाए गए भारत बंद को बिहार में राजद, सपा, कांग्रेस और शरद यादव का समर्थन मिला है। दलित संगठनों ने भी अनुसूचित जाति-जनजाति संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में सोमवार को आहूत भारत बंद का समर्थन किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि बिना जांच-पड़ताल के एससी/एसटी एक्ट के तहत न तो मुकदमा दर्ज होगा और न ही गिरफ्तारी हो सकेगी। कोर्ट के इसी फैसले का संगठन विरोध कर रहे हैं।