नई दिल्ली। तमाम जद्दोजेहद और लम्बे इंतजार के बाद आज अंततः इराक में साल 2014 के दौरान मारे गए 38 भारतीयों के शवों के अवशेष भारत पहुंच चुके हैं। विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह विशेष विमान से यह अवशेष बगदाद से अमृतसर लेकर पहुंच गए हैं। कुछ ही देर बाद यह अवशेष उनके परिजनों को सौंपे जाएंगे।
जबकि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वीके सिंह ने कहा कि सरकार ने इन लोगों का पता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, मैं 4 बार इराक गया और पूरी कोशिश की इन लोगों की तलाश की। हमने तलाश में उस व्यक्ति से संपर्क किया जिसके यहां यह लोग काम करते थे, उस व्यक्ति से मिले जिसने उन्हें खाना खिलाया। काफी कोशिशों के बाद बदूश की पहाड़ियों में इन लोगों के अवशेष मिले।
इससे पहले बगदाद एयरपोर्ट पर इन अवशेषों को विमान में रखा गया और इस दौरान विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने भी मदद की। कुछ देर बाद विमान भारत के लिए उड़ान भरेगा। इन 39 भारतीयों में पंजाब के 27, बिहार के छह, हिमाचल के चार और बंगाल के दो लोग शामिल हैं।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने इससे पहले संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री कार्यालय को इसकी सूचना दे दी है। विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह रविवार को इराक पहुंच गए थे। पंजाब की तरफ से स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। साथ ही सभी जिलों के प्रोटोकॉल अफसरों को भी सूचित कर दिया गया है। मृतकों के परिजनों को भी एयरपोर्ट पहुंचने व अंतिम संस्कार की तैयारी के लिए कहा गया है। उनके साथ जिले से विशेष अधिकारी मौजूद रहेंगे। संभावना है कि अवशेषों को लेकर जहाज एयरपोर्ट पर सोमवार दोपहर तक पहुंचेगा।
वहीं मारे गए पंजाबियों के पार्थिव शवों के अवशेष एयरपोर्ट से उनके परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। अमृतसर के डीसी कमलदीप सिंह संघा ने कहा कि जो लोग शव लेने नहीं पहुंच पाएंगे, उनके शव गांव तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। शव सौंपे जाने के समय यह ध्यान रखा जाएगा कि परिजनों को किसी तरह की मुश्किल न आए। पंजाब से मरनेवालों मे अमृतसर के आठ, जालंधर के छह, होशियारपुर के तीन, नवांशहर के दो, कपूरथला के दो, गुरदासपुर के चार, संगरूर और लुधियाना के एक-एक लोग शामिल हैं।
गौरतलब है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले दिनों संसद में इराक में मारे गए 39 भारतीयों की सूचना दी थी। इसके बाद कुछ पीड़ित परिवारों ने सरकार के रवैये पर उन्हें अंधेरे में रखने का आरोप लगाया था। हालांकि बाद में सुषमा ने कहा कि सरकार ने किसी को अंधेरे में नहीं रखा। हम हमेशा यही कहते रहे कि उनके जिंदा या मरे होने का हमारे पास कोई सुबूत नहीं है। हमने किसी को झूठी उम्मीद नहीं दी।