लखनऊ ! उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (यूपी रोडवेज) की बसों के पहिए 8 अप्रैल की रात 12 बजे से थम जाएंगे. रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री लाखन सिंह ने आज इसकी घोषणा करते हुए कहा कि हम एक महीने से अपनी मांगें पूरी कराने के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं हुआ. बाध्य होकर हमें प्रदेश में रोडवेज बसों का चक्का जाम जैसा बड़ा निर्णय लेना पड़ा है. रोडवेज कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की घोषणा से प्रदेश की परिवहन व्यवस्था पर संकट मंडराने लगा है. उधर, यूपी रोडवेज के प्रबन्ध निदेशक पी गुरुप्रसाद ने कहा कि हड़ताल ना हो इसके लिए जल्द ही रोडवेज कर्मचारी संगठनों के साथ वार्ता की जाएगी. इसके बावजूद भी यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो आवश्यक जरुरी कदम उठाने के लिए हम तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि हड़ताल होने पर प्रदेश की परिवहन व्यवस्था पटरी से ना उतरे इसके भी प्रयास किये जा रहे हैं. प्रबन्ध निदेशक के अनुसार, हड़ताल ना हो इसके लिए उन्होंने निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की आज बैठक बुलाई है. लाखन सिंह ने कहा कि यूपी रोडवेज कर्मचारियों के सातवें वेतनमान, एसीपी से रोक हटाने, डीए की किश्त ना मिलने, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने, अनुबंधित बसों को नियमानुसार ना चलाने आदि मांगों को लेकर हम पिछले करीब एक माह से आंदोलनरत हैं लेकिन सरकार ने हमारी मांगों पर कोई विचार नहीं किया. ऐसे में हमने प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर की सहमति पर चक्का जाम करने का एलान कर दिया है.
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