नई दिल्ली। आजादी के बाद से देश में जो बीज अपनी-अपनी सियासत चमकाने के लिए सियासतदाओं द्वारा बोऐ गए आज तक उससे देश उबर नही पा रहा है जिसके चलते कभी धर्म, कभी जाति के नाम पर कड़वे फल पा रहा है। इसी क्रम में हाल के कुछ समय से जाति से सम्बंधित मामलों के चलते देश में जब-तब एक प्रकार से रण जारी है। जिसके तहत विगत 2 अप्रैल को जहां देश में बंद और विरोध प्रदर्शन के नाम पर जमकर हिंसा हुई थी वहीं आज आरक्षण के विरोध में बंद का आह्वान किया गया था। हालांकि इस बंद के दौरान देश के तमाम हिस्सों से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है लेकिन बिहार से छिटपुट हिंसा की घटनाओं के समाचार प्राप्त हुए हैं।
गौरतलब है कि आज सोशल मीडिया पर कथित भारत बंद के ऐलान को लेकर देश के तमाम राज्यों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं। देश के कई हिस्सों से बंद के दौरान सड़क जाम की खबर आ रही है। वहीं बिहार के आरा में भारत बंद के दौरान झड़प भी हुई है। प्रदर्शन के दौरान फायरिंग व पथराव में 6 से 7 पुलिस वालों के भी घायल होने की खबर है।
जिसके तहत गया में भी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प की सूचना है।पटना में प्रदर्शन हिंसक हो गया है. उधर मोतिहारी में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की गाड़ी को प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया। बताया जा रहा है कि उन्हें आरक्षण समर्थक बताकर उनके साथ बदसलूकी की गयी।
वहीं मधुबनी में समय के साथ भारत बंद तेज हो रहा है बेतिया में स्थिति सामान्य है। एहतियात के तौर पर पुलिस तैनात की गयी है। गया के बरबीघा में पुलिस प्रशासन द्वारा बरबीघा क्षेत्र में धारा 144 लगाये जाने की सूचना प्रसारित की जा रही है। प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प में डीएसपी के घायल होने की सूचना है।
इसी प्रकार आरक्षण मुक्त भारत को लेकर पटना के कई इलाकों में प्रदर्शन हुआ जिसमें, बोरिंग रोड पर कार का शीशा फोड़ने और टायर फूंकने की खबर है। फुलवारी में जानीपुरा रोड को बभनपुरा के हुलास चक की मांग को लेकर जाम कर प्रदर्शन किया है। बाद में आरक्षण विरोधी और समर्थकों के बीच झड़प और कई राउंड की गोलियां चली है।
जबकि देवघर में बंद समर्थकों को पुलिस ने खदेड़ा, बंद कर रहे करीब एक दर्जन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद थाने में रखा गया है। भारत बंद के दौरान एसडीओ की गाड़ी को बंद समर्थकों ने क्षतिग्रस्त,किया ।
हालांकि राजस्थान में कड़े सुरक्षा प्रबंध के कारण आज भारत बंद का असर बहुत कम नजर आ रहा है। अधिकारिक एवं पुलिस सूत्रों ने बताया कि कहा प्रदेश में किसी भी स्थान से अप्रिय वारदात, रेल, बस रोके जाने की सूचना नहीं है। जयपुर समेत छह जिला प्रशासन ने भारत बंद के आह्वान को देखते हुए इंटरनेट सेवाएं चौबीस घंटे के लिए स्थगित कर दी हैं और निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी है।
साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम हिस्सों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। आधिकारिक तौर पर किसी भी संगठन ने इस बंद का ऐलान नहीं किया है, मध्य प्रदेश के संवेदनशील जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है. वहीं राजस्थान में धारा 144 लागू की गयी है। यूपी के मेरठ जोन के 6 जिलों में हाई अलर्ट है. गाजियाबाद, इलाहाबाद में धारा 144 लागू है तो वहीं सहारनपुर में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी है।
बेहद अहम और गौर करने की बात यह है कि आधिकारिक तौर पर किसी भी संगठन ने बंद की घोषणा नहीं की है, लेकिन सोशल मीडिया पर उड़ रही अफवाहों के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। एक ओर जहां मध्य प्रदेश के संवेदनशील जिलों में प्रशासन की ओर से कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं राजस्थान में धारा 144 लागू करते हुए कई हिस्सों में अर्धसैनिक बलों की तैनात की गयी है। यही नहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं को बैन किया गया है।
बावजूद इसके फिलहाल खबर लिखे जाने तक देश के किसी भी हिस्से से हिंसा की कोई खबर नहीं आयी है। सभी जगह स्थिति सामान्य है।
दो अप्रैल को एससी/एसटी एक्ट में किये गये संशोधन के विरोध में एससी/एसटी समुदाय के लोगों द्वारा झारखंड की राजधानी रांची, जमशेदपुर, धनबाद सहित दूसरे जिलों में सड़क और रेल यातायात को बाधित और जबरन दुकानों को बंद कराया गया था। वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया था. दूसरे प्रदेशों में नौ लोगों की मौत हो गयी थी।