नई दिल्ली। लोग वैसे ही बैंकों के जब तब लगाये जाने वाले चार्ज से परेशान हैं वहीं बताया जा रहा है कि जल्द ही बैंक आपको मिलने वाली कई उन सेवाओं पर भी चार्ज लगाने वाले हैं जो हाल फिलहाल आपको फ्री मिलती थीं। जो बेहद ही गंभीर और दिक्कत की बात है।
गौरतलब है कि जल्द ही बैंक ग्राहकों को किसी भी तरह का ट्रांजैक्शन करना महंगा हो सकता है। बैंक अपने ग्राहकों को दी जाने वाली प्रत्येक सर्विस पर चार्ज लगाने की मांग कर रहे हैं। बैंक आने वाले दिनों में ए.टी.एम. से पैसे निकालने, मिनिमम अकाउंट बैलेंस रखना, चेक बुक और डेबिट कार्ड जारी करने के साथ ही अन्य सेवाओं का चार्ज बढ़ा सकते हैं।
दरअसल इसके पीछे वजह यह बतायी जा रही है कि देश के कई बैंकों को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स इंटेलिजेंस (DGGST) ने नोटिस जारी किया है, जिसमें पिछले 5 सालों का टैक्स जमा करने के लिए कहा गया है। इन बैंकों में एस.बी.आई., एच.डी.एफ.सी., आई.सी.आई.सी.आई. बैंक, एक्सिस बैंक के अलावा कई अन्य बैंक भी शामिल हैं। इन बैंकों ने मिनिमन बैलेंस नहीं रखने पर ग्राहकों से पैसा वसूला और उसका टैक्स नहीं दिया। इतना ही नहीं मिनिमम बैलेंस रखने वाले खाताधारकों को दी जाने वाली मुफ्त सुविधाओं पर भी टैक्स की मांग नोटिस में की गई है।
ज्ञात हो कि वैसे भी जो ग्राहक अपने खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखते थे, उनके खाते से पैसा काटा जाता था। बैंकों ने पैसा काटने के बाद सर्विस टैक्स को जमा नहीं किया, जिसके बाद अब यह नोटिस भेजा गया है। इन सभी बैकों को कम से कम 6 हजार करोड़ रुपए का टैक्स भरना होगा।
बैंक पहले से लोन और एन.पी.ए. के चक्कर में खस्ताहाल हैं, इसलिए इसका बोझ वो ग्राहकों पर डालने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि उनको भी चिंता है कि वो कैसे एक साथ इतना पैसा ग्राहकों से वसूले।
जबकि बैंक इससे चिंतित हैं क्योंकि वे पिछली तारीख से ग्राहकों से टैक्स की मांग नहीं कर सकते। अगर इस टैक्स को बहाल रखा जाता है तो आगे चलकर इसका बोझ ग्राहकों को उठाना पड़ेगा। बैंक इस मामले में DGGST के दावे को चुनौती दे सकते हैं और वे इस पर सरकार से भी अपील करेंगे। यह जानकारी एक ऐसे बैंक के अधिकारी ने दी है, जिसे यह नोटिस मिला है। अधिकारी ने बताया, ‘कुछ नोटिस इश्यू किए गए हैं और कुछ भेजने की तैयारी हो रही है। जिन बैंकों ने ये चार्ज वसूले हैं, उन सबको कारण बताओ नोटिस भेजा जा रहा है।’
वहीं DGGST ने बैंकों की तरफ से ग्राहकों को दी जाने वाली कई सेवाओं की पड़ताल शुरू की है। इन सेवाओं के लिए बैंक कुछ शुल्क वसूलते हैं या मिनिमम बैलेंस मेनटेन करने पर उन्हें मुफ्त में ये सेवाएं दी जाती हैं। फी बेस्ड सर्विस में तय सीमा से अधिक एटीएम ट्रांजैक्शंस, फ्यूल सरचार्ज रिफंड, चेक बुक इशू करने, डेबिट कार्ड आदि शामिल हैं। हालांकि, प्रिविलेज्ड कस्टमर्स के मिनिमम बैलेंस मेनटेन करने पर उनसे ये चार्ज नहीं लिए जाते हैं। इन बेनिफिट्स को सर्विस टैक्स लॉ में डीम्ड सर्विस माना जाता था।