लखनऊ। प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक बखूबी जारी है सरकार के तमाम प्रयासों और दावों के बीच इनकी जनसंख्या का बढ़ते जाना बेहद ही हास्यास्पद सा लगता है। वहीं इनकी जनसंख्या बढ़ने का खामियाजा जब तब न सिर्फ आम लोगों को तो झेलना पड़ता है बल्कि बेहद गंभीर बात है कि ये आवारा कुत्ते जब तब कई मासूमों को अपना शिकार बना चुके हैं इसी क्रम में बेहद ही रोंगटे खड़े करने वाली खबर है कि जनपद सीतापुर में आदमखोर होते आवारा कुत्तों ने दो मासूमों को नोच-नोच कर मौत के घाट उतार दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, पहली घटना थाना क्षेत्र के टिकरिया गांव की है, जहां कैलाश नाथ की 11 वर्षीय बेटी शामली को बाग जाते समय कुत्तों ने नोच डाला। शोर सुनकर लोग घटनास्थल की तरफ भागे। वहीं लोगों को आता देख कुत्ते भाग गए, लेकिन बच्ची को बुरी तरह जख्मी कर दिया था। थोड़ी देर बाद ही बच्ची ने दम तोड़ दिया।
इसी प्रकार दूसरी घटना इसी थाना क्षेत्र के गुरपलिया गांव की है, जहां आबिद अली का 12 साल का बेटा खालिद आम के बाग जा रहा था। इसी दौरान आदमखोर कुत्तों के झुंड ने उसे घेर लिया और नोचने लगे। खालिद चिल्लाया तो गांव के लोग दौड़े, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी कुत्तों द्वारा हमले की कई घटनायें सामने आ चुकी हैं बावजूद इसके जिम्मेदार विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया रहा और परिणति ये है कि अंततः उनकी लापरवाही का खामियाजा इन दो मासूमों को चुकाना पड़ा है। हालांकि अभी पांच दिन पूर्व ही जनपद जनपद मुजफ्फरनगर में इन कुत्तों ने एक मासूम की जान ले ली थी। जब जिले के कुटेसरा गांव में आवारा कुत्तों के एक झुंड ने 6 वर्षीय बच्चे को नोंच नोंच कर मार डाला था।
हालांकि इस दौरान वहां खेतों में काम कर रही कुछ महिलाओं ने उसे बचाने का प्रयास किया लेकिन कुत्तों के इतने बड़े झुंड के चलते वे उस बच्चे को बचा नहीं पाई और जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई थी।
ज्ञात हो कि पूर्व में भी प्रदेश के जनपद सीतापुर के कई इलाकों में आवारा कुत्तों द्वारा बच्चों पर हमले की खबरें आ चुकी हैं इतना ही नही प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी गोमतीनगर, कैण्ट, डालीगंज क्रासिंग समेत कई जगहो पर भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी इस पर गौर नही फरमा रहे हैं। संभवतः जब कोई बड़ा हादसा हो जायेगा तब इनकी कुंभकर्णी नींद टूटेगी।