लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 के नजदीक आने के चलते हर कोई राजनीतिक दल दलितों को रिझाने और लुभाने की अपनी कोशिशों में बखूबी लगा है जिसके तहत जहां भाजपा के नेता दलितों के घरों में खाना खाने और रात्रि प्रवास के कार्यक्रमों में लगे हैं तो अब बसपा सुप्रिमों मायावती भाजपा के इस दलित प्रेम को बेनकाब करने की कवायद जल्द ही शुरू करने वाली हैं जिसके तहत मायावती दलित बाहुल्य गांवों में चौपाल लगाएंगी।
गौरतलब है कि भाजपा के दलित प्रेम का सच सामने लाने के लिए दलित बाहुल्य गांवों में मायावती द्वारा लगाई गई चौपाल में भाजपा सरकार द्वारा किए गए दलित विरोधी कामों की जानकारी दी जाएगी। इस चौपाल में जिला कोऑर्डिनेटर के साथ क्षेत्रीय बसपा नेता शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि मायावती के इस चौपाल कार्यक्रम की शुरुआत अगले महीने से होगी।
ज्ञात हो कि सभी राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अपनी तैयारियां शुरु कर दी हैं। इसी के तहत जहां भाजपा ग्राम स्वराज अभियान चला रही है और सीएम से लेकर डिप्टी सीएम, मंत्री, सांसद और विधायक गांवों में चौपाल लगाने से लेकर दलितों के घर खाना खा रहे हैं। जिसका असर भी काफी हद तक दिखाई पड़ रहा है।
वहीं भाजपा की इस कवायद और उसके होने वाले असर को देख अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरु कर दी है। मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने युवाओं को पार्टी से जोड़ने का भी निर्देश दिया है। दरअसल, बसपा लोकसभा चुनाव से पहले बूथ स्तर तक संगठन को खड़ा करना चाहती है। इसके लिए जोनल प्रभारियों को काम पर लगाया गया है।
जैसा कि बताया जा रहा है कि बसपा के चौपालों में एक ओर जहां भाजपा सरकार द्वारा किए गए दलित विरोधी कार्यों की जानकारी दी जाएगी,वहीं दूसरी ओर बसपा सरकार में हुए दलित हितों के लिए किए गए कार्यों को बताया जाएगा। बसपा का मानना है कि चौपाल के माध्यम से वह भाजपा के झूठे दलित प्रेम का पर्दाफाश कर सकेगी। दरअसल, बसपा का मानना है कि दलितों को सही मायने में वही सम्मान दिला सकती है।