डेस्क्। देश में महिलाओं, युवतियों समेत बच्चियां तक एक बेहद ही असुरक्षित माहौल में जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं जब तब दरिंदो का शिकार बन जान से मार दिये जाना हर तरफ फैले हवस के भूखे भेड़ियों से खुद को बचाना ही उनकी नियति सी बन गई है। हद तो तब हो जाती है जब कभी रक्षकों द्वारा ही भक्षक बन कर उनके साथ ऐसी घिनौनी हरकत की जाती है तो उनकी रही-सही और बची-खुची एक छोटी सी उम्मीद भी टूट जाती है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात में कुछ ऐसा ही हुआ है।
गौरतलब है कि हाल ही में गुजरात में पुलिस हिरासत में एक महिला के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। 3 मई को इस मामले में सब इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिसवालों पर केस दर्ज किया गया है। इन पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि तीनों ने करीब दो माह पहले पुलिस स्टेशन में एक 40 साल की महिला के साथ छेड़खानी की थी। आरोपी पुलिस वालों की पहचान भाभर पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर जसवंत चौधरी व कॉन्स्टेबल रमेश चौधरी और सोमचंद परमार के रूप में हुई है।
हालांकि इन तीनों पुलिसकर्मियों पर धारा 323, 354, 354बी, 504 और 166 के अंतर्गत मामला दर्ज हुआ है। बता दें कि मामला सामने आने के बाद इन तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर कर दिया गया है। साथ ही 27 अप्रैल को जांच के आदेश भी दे दिए गए थे। कार्रवाई तब हुई जब गुजरात हाईकोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप किया। हाईकोर्ट ने एसपी को इस मामले में FIR दर्ज कराने के लिए कहा था।
जानकारी के मुताबिक, पीड़िता दो महीने पहले भाभर पुलिस थाने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने गई थी। महिला का आरोप है कि उसके ससुराल वाले उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर टॉर्चर करते हैं।
पुलिस ने उस समय उसकी शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया और शाम तक उसे थाने में ही रोक के रखा। बाद में उसे एक पुलिसवाला दूसरे कमरे में ले गया और वहां चौधरी और परमार ने उसका यौन उत्पीड़न किया। वहीं जबकि वारदात के दौरान वह कॉन्स्टेबल रमेश को मदद के लिए बुला रही थी। बावजूद इसके उसकी मदद के बजाय वहां ऐसा कृत्य किया गया।