लखनऊ। देश में जिन्ना का जिन्न अभी पूरी तरह से वापस बोतल में नही गया है अभी भी वो तमाम लोगों के दिलो दिमाग पर हावी है जिसके चलते वो उसका गुणगान करने से बाज नही आ रहे हैं और शांत होते माहौल को रह-रह कर गरमा रहे हैं। हद तो तब हो जाती है कि जब सत्तारूढ़ दल की ही एक और सांसद अपनी पार्टी की विचारधारा के खिलाफ जाकर जिन्ना को महिमामंडित करे तो बाकियों को कहने को क्या रह जाता है।
गौरतलब है कि अब भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने मोहम्मद अली जिन्ना को महापुरुष करार दिया है। उत्तर प्रदेश के बहराइच से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद सावित्री बाई फुले ने पार्टी की विचारधारा के विरूद्ध जाकर कहा कि ऐसे महापुरुष की तस्वीर जहां जरूरत हो उस जगह पर लगाई जानी चाहिए। जिन्ना देश के महापुरुष थे, हैं और रहेंगे। देश की आजादी की लड़ाई में उनका योगदान था।
बेहद अहम और गौर करने की बात ये है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन्ना की तारीफ करते हुए तस्वीर लगाने को सही ठहराया था. उन्होंने कहा था, ‘जिन महापुरुषों का योगदान इस राष्ट्र के निर्माण में रहा है, उन पर उंगली उठाना गलत बात है’।
इतना ही नही ने अपना बागी रूख बनाये रखते हुए सावित्री बाई फुले ने कहा कि बहुजन समाज के असल मुद्दों, गरीबी, भुखमरी से ध्यान हटाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। सावित्री बाई फुले ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और बीजेपी के खिलाफ कई मुद्दे पर उनके बागी सुर सामने आए हैं।
इसके अलावा पिछड़ों को लेकर भी बड़ा बयान देते हुए यूपी कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के एक बयान को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में पिछड़ों की उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा उनके साथ भी होता रहा है। उन्हें भारत की सांसद न कहकर दलित सांसद कहा जाता है।