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रोहित वेमुला की मां ने कांग्रेस को किया बेनकाब, अब माफी मांगें राहुल गांधी: पीयूष गोयल

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नई दिल्ली। हाल ही में बहुचर्चित रोहित वेमुला मामले ने अचानक ही बेहद ही अहम और काबिले गौर मोड़ ले लिया है और इसकी वजह और कुछ नही बल्कि रोहित की मां ही हैं जिन्होंने ऐसा कुछ बयान दे दिया है। जिसके चलते एक बार फिर इस मसले पर सियासत जोर पकड़ने लगी है और इसको लेकर आज भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया है।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने राहुल गांधी पर रोहित वेमुला की मौत पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए रोहित वेमुला की मां को लालच दिया गया। कुछ दल रोहित वेमुला की मौत पर राजनीति चमका रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा समाज को बांटने में विश्वास नहीं करती। समाज का हर व्यक्ति हमाले लिए अमूल्य है, सबके साथ काम करना और सबके विकास के लिए काम करना हमारी प्राथमिकता है।

इतना ही नही गोयल ने कहा, “मैं रोहित वेमुला की मां का बयान पढ़ने के बाद चिंतित था। कुछ विपक्षी दल इस मामले पर राजनीति करना कब तक जारी रखेंगे? परिवार वित्तीय रूप से मजबूत नहीं है और एक तनाव से गुजर रही मां को राजनीतिक उद्देश्यों के चलते पैसों का झूठा आश्वासन दिया गया।”

साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मुझे जानकारी मिली कि गोयल आगे बाले कि मुझे यह भी जानकारी मिली है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बयान दिलवाने के लिए रोहित के परिवार को स्टेज पर ले गए। इस बात का खुलासा होना चाहिए कि इसके पीछे उद्देश्य क्या था और क्या ऑफर किया गया था। राहुल गांधी झूठ के दम पर गंदी राजनीति करने के लिए माफी मांगे।

हालांकि इस संबंध में रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह सच है कि मुस्लिम लीग ने मुझे पैसे देने का वादा किया, लेकिन उन्होंने मुझे राजनीतक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं किया है। पीएम मोदी के खिलाफ बोलना मेरी इच्छा थी और अगर जरूरत पड़ी तो मैं फिर बोलूंगी। मुस्लिम लीग ने हमें 2.5 लाख रुपये के दो चेक भेजे, जिनमें से एक बाउंस निकला। हमने उन्हें सूचित किया और उन्होंने कहा कि वे सीधे हमें पैसे मुहैया कराएंगे ताकि हम घर खरीद सकें।

ज्ञात हो कि रोहित वेमुला ने 17 जनवरी, 2016 को यूनिवर्सिटी परिसर में छात्रावास के एक कमरे में आत्महत्या कर ली थी। रोहित विश्वविद्यालय द्वारा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किये जाने से कथित रूप से परेशान था। रोहित के आत्महत्या के बाद से राजनीति शुरू हो गई थी और विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर केन्द्र पर निशाना भी साधा था। विश्वविद्यालय के छात्रों, कुछ राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के एक समूह ने आरोप लगाया था कि इस आत्महत्या के लिए कुलपति भी जिम्मेदार हैं। छात्रों के एक समूह की शिकायत के आधार पर पुलिस ने अप्पाराव और चार अन्य के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था।

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