नई दिल्ली। तमाम जद्दोजेहद और सियासी रूकावटों से पाकर पार अबकी सेना ने किया है बेहद ही चाक चौबंद खाका तैयार क्योंकि आतंकियों के साथ-साथ ही अब नजर में रहेंगे उनके मदददगार। जी! इस बार काफी हद तक तय है कि सेना घाटी में आतंकियों को चुन चुन कर मारने का मन बना चुकी है क्यों कि वह लगातार जारी इनकी हरकतों से अब उकता चुकी है।
गौरतलब है कि कश्मीर में सेना एक बड़े ऑपरेशन की तैयारी में है। सेना का इरादा इस बार घाटी से आतंक का पूरा सफाया करना है। खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है कि घाटी में इस समय 200 से ज्यादा आतंकी आतंक मचाने की फिराक में हैं।
अगर खुफिया रिपोर्ट की मानें तो उसके अनुसार यह भी खुलासा हुआ है कि कश्मीर में आतंकियों ने बड़े स्तर पर लोगों को भड़काने का काम किया है। आतंकियों ने लोगों में भी अपनी पैठ जमा ली है। जिस से आतंकियों के मददगार घाटी में भारी मात्रा में मौजुद है।
रिपोर्ट के अनुसार इस समय कश्मीर में आतंकियों के 3000 से ज्यादा मददगार हैं। जो समय-समय पर आतंकियों की मदद करते रहते हैं। ये लोग सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहते हैं। जहां-जहां सेना और आतंकियों में मुठभेड़ होती है यह लोग पत्थरबाजी करने वहां आ जाते है। जिससे सेना का ध्यान भटके और आतंकी भागने में कामयाब रहे।
इसलिए इन सब बातों को बखूबी ध्यान में रखते हुए सेना के निशाने पर इस बार आतंकी ही नहीं,आतंकी समर्थक और सहयोगी भी हैं। सेना का मानना है कि जब तक आतंकियों के मददगारों को उनके अंजाम तक नहीं पहुंचाया जाएगा तब तक कश्मीर में आतंक का सफाया करना आसान नहीं होगा।ये आतंकी सहयोगी आम जनता में फैले हुए हैं। वहां से यह आतंकी मददगार आतंकी और राष्ट्रविरोधी विचारों को प्रचार करते हैं।
इतना ही नही बल्कि सेना कश्मीर में आतंकियों और आतंकी समर्थकों,सहयोगियों से पार पाने के लिए 2 तरह के ऑपरेशन शुरू करेंगी। पहले ऑपरेशन में तो सेना आतंकियों को ठिकाने लगाएगी तो दूसरे ऑपरेशन में सेना आतंकियों के मददगारों का सफाया करेंगी। जिस से दोनों तरफ से आतंकियों को नुकसान पहुंचेगा।
दरअसल सेना की भाषा में आतंकियों के इन समर्थको को Over Ground Workres कहा जाता है। सेना के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इन आतंकी मददगारों की सोशल मीडिया पर अच्छी पैठ है। इसके लिए सुरक्षा एजेंसियां की साइबर एजेंसिया सतर्क हो गई है।
इस समस्या से पार पाने के लिए साइबर एजेंसियां, सेना के साथ मिलकर काम कर रही हैं। सेना का मकसद इस बार आतंकियों की जड़ ही खत्म करना है। इसलिए सेना ने पहली बार आतंकियों के Ground Workers को भी अपने निशाने पर लिया है। सेना का इरादा इस बार कश्मीर घाटी को पूरी तरह से आतंक मुक्त करना है।