वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पूर्वांचल दौरे के दूसरे दिन मिर्जापुर में बाणसागर परियोजना का शुभारंभ कर एक रैली को संबोधित किया। इस परियोजना से इलाके में सिंचाई को बढ़ावा मिलेगा, जिससे उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और इलाहाबाद के किसानों को काफी फायदा पहुंचेगा। साथ ही बिना नाम लिये अखिलेश यादव पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि ‘हम अटकी, लटकी, भटकी परियोजनाएं पूरा कर रहे हैं।’
पीएम मोदी ने कहा जो लोग आजकल किसानों के लिए घड़ियाली आंसू बहाते हैं। उनसे आप पूछे कि आखिर क्यों उन्हें अपने शासन काल में इस तरह की अधूरी सिंचाई परियोजनाएं नहीं दिखाई दीं? अगर ये प्रोजेक्ट पहले पूरा हो जाता, तो जो लाभ अब आपको मिलेगा, वो पहले से मिलने लगता।
उन्होंने कहा कि 2014 में सरकार में आने के बाद हमारी सरकार ने जब अटकी-लटकी-भटकी हुई योजनाओं को खंगालना शुरू किया तो उसमें इस प्रोजेक्ट का भी नाम आया। इसके बाद बाण सागर परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जोड़ा गया और इसे पूरा करने के लिए सारी ऊर्जा लगा दी गई।
उन्होंने कहा कि लगभग 3,500 करोड़ की बाणसागर परियोजना से सिर्फ मिर्जापुर ही नहीं बल्कि इलाहाबाद समेत इस पूरे क्षेत्र की 1.5 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा मिलने जा रही है। इस क्षेत्र के गरीब, वंचित, शोषित के लिए जो सपने सोनेलाल पटेल जी जैसे कर्मशील लोगों ने देखे, उनको पूरा करने की तरफ हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।
मोदी ने इसके अलावा 100 जन औषधि केंद्रों का भी लोकार्पण करते हुए कहा कि ये जन औषधि केंद्र गरीब, निम्न मध्यम वर्ग का बहुत-बड़ा सहारा बन रहे हैं। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि हम 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं, यह मुश्किल काम नहीं है।
ज्ञात हो कि मिर्जापुर में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में किसानों को बाणसागर परियोजना का तोहफा दिया। 171. 84 किलोमीटर लंबी परियोजना 34 20 करोड़ की लागत से तैयार की गई है। इसे आज रविवार को इलाहाबाद और मिर्जापुर के किसानों को समर्पित किया गया।
वहीं इस बाबत उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि बाणसागर परियोजना 1997- 98 से प्रस्तावित थी। पूर्ववर्ती सरकारों ने इसके लिए बजट नहीं दिया। इस वजह से परियोजना अटकी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए बजट स्वीकृत किया। 3420 करोड़ की लागत से बाणसागर परियोजना को तैयार किया गया है। विंध्याचल पर्वत से तैमूर की पहाड़ियों से होते हुए सोन नदी से परियोजना को लाया गया है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 71 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में 100 किलोमीटर लंबी परियोजना से मिर्जापुर और इलाहाबाद के 1.70 लाख किसान सीधे लाभान्वित होंगे। सिंचाई मंत्री ने दावा किया है कि इस परियोजना के आने से 5.14 मीट्रिक टन का अतिरिक्त उत्पादन होगा। प्रधानमंत्री सीधे किसानों को बान्ध सागर परियोजना समर्पित करेंगे।
साथ ही ने सिंचाई मंत्री ने ये भी बताया कि परियोजना पहाड़ियों के बीच सुरंग बना कर लाई गई है। इसमें विश्व का सर्वश्रेष्ठ एक्वाडक्ट पाइप इस्तेमाल किया गया है। सोन नदी से इस परियोजनाओं को इलाहाबाद और मिर्जापुर के किसानों के लिए लाया गया है।