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दर्दनाक: एक पिता की बेरहमी का होकर शिकार, एक बेटी भूख और जिल्लत से गई हार

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आगरा। हमारे इस तथाकथित सभ्य समाज में अब बहुत कुछ ऐसा समाहित होता जा रहा है जिसके चलते हालात क्या से क्या होता जा रहा है। आज कुछ ऐसी ही एक घटना सामने आई है जिसमें अपने पिता की बेरहमी का शिकार तीन दिन से भूखी किशोरी ने फांसी लगाकर अपनी जिन्दगी खत्म कर ली।

मिली जानकारी के मुताबिक आगरा के  प्रकाशनगर में शुक्रवार की रात 16 साल की किशोरी दुर्गेश ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह तीन दिन से भूखी थी। पिता ने पुलिस को हत्या की सूचना दी। छोटे बेटे पर आरोप लगाया। छानबीन में तीन पेज का सुसाइड नोट मिला। दुर्गेश ने अपनी मौत के लिए पिता, दादी, बुआ और बड़े भाई को जिम्मेदार ठहराया। पुलिस ने आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा कर चारों को हिरासत में ले लिया है।

पुलिस के अनुसार नेकराम मूलत: शमसाबाद का निवासी है। बोरिंग का काम करता है। दो बेटे और चार बेटियां हैं। दोनों बेटों और दो बेटियों की शादी हो चुकी है। घर में नेकराम उसकी पत्नी विमला देवी, बेटी प्रीति और दुर्गेश रहती हैं। दुर्गेश का शव फंदे पर लटका मिला। सुसाइड नोट में किशोरी ने अपनी दर्द भरी कहानी लिखी थी। घर में गैस सिलेंडर खाली था। रसोई में खाने का सामान नहीं था। आटे का कनस्तर तक खाली था। सुसाइड नोट के अनुसार दुर्गेश तीन दिन से भूखी थी। इसलिए परेशान होकर जान दे दी।

बेहद ही भावुक और आहत लहजे में दुर्गेश ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि पिता, दादी रामरति, बुआ भगवान देवी और बड़े भाई दिनेश उनसे नफरत करते हैं। पिता, बुआ और दादी की बात मानता है। उन्होंने उसकी मां को पागल बना दिया। पिता ने किसी को पढ़ाया नहीं। सभी अपनी मेहनत से पढ़े। बड़े भाई ने घर में आग लगा दी। सब कुछ जल गया। उसके कारण छोटा भाई और भाभी अलग हो गए।

वहीं इसके बाद से अब उनकी मदद करने वाला कोई नहीं बचा। पिता घर में खाने का सामान नहीं लाता। खुद बुआ के घर खाना खा आता था। वह, प्रीति और मां भूखे रहते थे। तीन दिन पहले तक दादी घर में रुकी थी। तब पिता सब कुछ लेकर आता था। उसके जाते ही खाने का सामान लाना बंद कर दिया। वह ऐसी जिंदगी अब नहीं जीना चाहती। उसकी आत्मा को तभी शांति मिलेगी जब इन लोगों को सजा मिलेगी।

इस मामले में गंभीर और गौर करने की बात है कि ये मौत आम भुखमरी और तंगी के चलते नही है क्योंकि पुलिस के अनुसार नेकराम लगभग पंद्रह हजार रुपये कमाता है। रोज शराब पीता है। घर में खाने का सामान गरीबी के कारण नहीं बल्कि उसकी जिद के कारण नहीं था। वह चाहता था कि पत्नी और बेटियां भूखी रहें। ताकि उसकी बात मानें। वह जो बोले वह करें। उसकी गुलामी करें। तीन कमरों का घर है। रसोई में गैस तक है। सिलेंडर खाली हुआ मगर उसने नहीं भरवाया। शराब खरीदने को पैसे थे। आटा लाने को नहीं थे। खुद भूखा नहीं रहा। खाना खाता था।

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