लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि शाहजहांपुर की तथाकथित किसान कल्याण रैली किसानों का उपहास है। आज आवश्यकता किसान कल्याण रैली करके झूठे वादे करने की नहीं है बल्कि ये बताने की है कि जो न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित है भाजपा सरकार कब, कैसे और किसके माध्यम से देगी और समाजवादी सरकार द्वारा प्रस्तावित आम, अनाज, सब्जी व ग्रेटर नोएडा की मंडी क्यों नहीं बनाई गई हैं। किसान अभी भी ऋणमाफी का इंतजार कर रहे हैं।
यह बात तो किसी से छुपी नहीं है कि भाजपा राज में किसान की सबसे ज्यादा दुर्दशा है। समाजवादी सरकार में किसानों की कर्जमाफी के साथ उसकी बंधक जमींन की नीलामी पर भी रोक लगा दी गई थी। मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था थी और नियमित विद्युत आपूर्ति हो रही थी। भाजपा राज में किसान की जमींन कर्ज में फंसी है। उसे उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है। गेंहू क्रय केंद्रो में उससे बदसलूकी होती है। गन्ना किसानों का अभी तक बकाया अदा नहीं हुआ है। भाजपा ने अन्नदाता को धोखा देने में रिकार्ड बना लिया है।
प्रधानमंत्री जी लाख छिपाये सच तो यह है कि किसान को खेती में अपनी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। खादए टैक्टर, कीटनाशक दवाइयों पर जीएसटी को मार पड़ रही है। कर्जमाफी में भी घोटाला हुआ है। कर्ज से परेशान लगभग 40 हजार किसान भाजपा राज में आत्महत्या कर चुके हैं।
भाजपा ने किसान और गांव.खेती को अपनी प्राथमिकता में कभी नहीं रखा है। किसान उसके लिए सिर्फ वोट बैंक है। गांवों के विकास में उसकी रूचि नहीं। किसान और गांव की जगह भाजपा की विशेष रूचि कारपोरेट घरानों में है। इसीलिए भाजपा सरकार के केन्द्र के 5 बजट और राज्य के 2 बजट में खेती के लिए विशेष सुविधाएं नहीं दी गई।
किसानों की आय दुगनी करने का वादा कब और कैसे पूरा होगा यह आज तक प्रधानमंत्री जी ने नहीं बताया हैं। किसानों को उम्मीद थी कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा पर यह सहनशक्ति की पराकाष्ठा है आश्वासन दर आश्वासनए भाषण दर भाषण। अब इंतजार खत्म बस 2019 का किसानों को इंतजार है।