नई दिल्ली! केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मनगढंत बातें करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल ने विश्व के समक्ष भारतीय राजनेता की छवि को बुरी तरह दागदार किया है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा कि राहुल गांधी ने राष्ट्रपति मैक्रों के साथ अपनी मनगढंत बातचीत का दावा करके अपनी विश्वसनीयता को भी कम किया है. जेटली ने जोर देकर कहा कि तथ्य हमेशा पवित्र होते हैं.
लेकिन इनसे हेराफेरी करके राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव को ही महत्वहीन कर दिया है. किसी को भी इस तरह बहस को निरर्थक नहीं बनाना चाहिए. जिन लोगों को प्रधानमंत्री बनने की इच्छा है, उन्हें खासतौर पर उपेक्षा, झूठ और कलाबाजी का मिश्रण नहीं करना चाहिए.
‘छिछोरापन और अविश्वास प्रस्ताव’ शीर्षक से जारी अपनी पोस्ट में अरुण जेटली ने लिखा है कि ऐसी चर्चाओं के प्रमुख भागीदार सामान्यतः वरिष्ठ राजनीतिक होते हैं. उनसे राजनीति का स्तर ऊंचा रखने की अपेक्षा होती है. सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान एक गंभीर विषय है.
ऐसे मौकों पर छिछोरेपन या तुच्छता के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसी चर्चाओं में भाग लेने वाला व्यक्ति एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल का अध्यक्ष है तो उसके मुख से निकला हरेक शब्द अनमोल होता है. उसके तथ्यों में विश्वसनीयता होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने एक बड़ा अवसर गंवा दिया है. अगर वर्ष 2019 के लिए यह उनकी सर्वश्रेष्ठ बहस है तो उनकी पार्टी को भगवान बचाए. जेटली ने गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि मूलभूत विषयों में उनकी समझ काफी कम है. वह तो प्रोटोकाल की बारीकियों को भी नहीं समझते हैं.
राफेल विमान सौदे को गुप्त रखने के क्लाज पर गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने खुद ही फ्रांस के साथ सौदे की जानकारी को गुप्त रखने का करार किया था. फिर भी राहुल बार-बार यही दिखाते रहे कि उन्हें इस तथ्य की जानकारी नहीं है.
और बार-बार सरकार पर उसकी जानकारियां सार्वजनिक करने का दबाव बनाते रहे. ऐसा करने से निश्चित रूप से देश की विमान की सामरिक जानकारियां सार्वजनिक हो जातीं. जिससे देश का अहित होता. विमान की कीमत बताने से विमान में लगे शस्त्र और उपकरणों का अंदाजा लग जाता है.
उल्लेखनीय है कि विगत शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि मैक्रों ने उन्हें बताया था कि राफेल सौदे में सौदे के ब्योरे को गुप्त रखने की कोई शर्त नहीं है.
राहुल के इस बयान के दो ही घंटे बाद फ्रांस की सरकार ने इस बात से इन्कार किया था. इस अविश्वास प्रस्ताव में संसद में विपक्ष की हार हुई थी और लोकसभा में सरकार ने 126 वोटों के खिलाफ 325 मतों के साथ जीत हासिल की थी.