लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने तीन प्रदेश के आगामी चुनाव ही नही बल्कि लोकसभा चुनाव के लिए जारी गठबंधन की जोरदार कवायद के बीच एक बार फिर से अपनी बात दोहराते हुए कहा कि मिलेगी अगर उचित और सम्मानजनक हिस्सेदारी तब ही करेंगी वो गठबंधन में भागीदारी।
गौरतलब है कि मायावती ने मंगलवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वो गठबंधन का हिस्सा तभी बनेंगी, जब उनकी पार्टी को सम्मानजक भागीदारी दी जाएगी। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों में बसपा के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेताओं की बयानबाजियों पर मायावती ने कहा कि वे इसे बंद करें। यह नियम उन पर भी लागू होता है।
इतना ही नही बल्कि उन्होंने ये भी कहा कि हाल के दिनों में महागठबंधन को लेकर जिस तरह की चर्चाएं हो रही हैं, उन्हें स्पष्ट करने की जरूरत है। खास तौर पर जो कांग्रेस नेता मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीएसपी के साथ गठबंधन को लेकर बयान दे रहे हैं, वो इसे बंद करें।
इसके साथ ही एक तरह से काफी हद तक मायावती ने इस बात के भी संकेत दिए कि बीएसपी इस साल के अंत में होने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव में अकेले दम पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर रही है।
इसके अलावा यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने देश में मॉब लिन्चिंग की बढ़ती घटनाओं के लिए सीधे तौर पर बीजेपी और उनके कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने अलवर घटना की निंदा करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार इसपर कोई कार्रवाई नहीं करेगी। मायावती ने कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की।
साथ ही बीएसपी सुप्रीमो ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी के अतिवादिता की वजह से देश की धार्मिक आजादी खतरे में पड़ गई है और बेगुनाह लोग मारे जा रहे हैं।